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हिन्दुस्तान मिशन शक्तिः बुन्देलखण्ड की रानी ने बेटियों को अबला नहीं सबला बनाने की ठानी

बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना ही बांदा की रानी दमेले का मकसद है। इसी जुनून और जज्बे से उन्होंने अब तक करीब पांच हजार बेटियों को मार्शल आर्ट के गुर सिखाकर उन्हें सशक्त बना दिया है, वह निशुल्क।...

हिन्दुस्तान मिशन शक्तिः बुन्देलखण्ड की रानी ने बेटियों को अबला नहीं सबला बनाने की ठानी
कार्यालय संवाददाता,बांदाMon, 23 Nov 2020 04:15 AM
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बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना ही बांदा की रानी दमेले का मकसद है। इसी जुनून और जज्बे से उन्होंने अब तक करीब पांच हजार बेटियों को मार्शल आर्ट के गुर सिखाकर उन्हें सशक्त बना दिया है, वह निशुल्क। यहीं नहीं यह बच्चों को संगीत और नृत्य में भी पारंगत बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं। इन्हीं खूबियों पर इन्हें कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। अभी हाल ही में संस्कार मंजरी सम्मान से सम्मानित रानी का सपना हर बेटी को हौसलों की उड़ान देना है।
रानी दमेले अंजू समाजसेवा के क्षेत्र में अलग मुकाम रखती हैं। खासतौर से महिला हिंसा रोकने और बेटियों को साहस देना ही इनका मकसद है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अलावा तमाम बेटियों को गीत नृत्य, ब्यूटीशियन आदि की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। रानी दमेले ने बताया कि सन 2008 में श्रेया आकर्ष इंस्टिट्यूट की नींव रखी, जिसमे 12 स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण से शुरुआत की गई, जिसमें सिलाई, मेहंदी, पेंटिंग,ब्यूटीशियन,कैलीग्राफी, नृत्य, गायन, वादन, गिटार आदि। अब 24 कोर्स हो गए है मार्शल आर्ट्स, गायन और नृत्य की बड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, जिलास्तरीय कई बच्चियां विजेता बनीं। मार्शल आर्ट्स में 17 छात्राओं ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल जीते। अंतरराष्ट्रीय फाइटर पुष्पेंद्र कुमार विश्व कर्मा के नेतृत्व में बच्चे मार्शल आर्ट्स सीखते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी एकदिवसीय जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। संस्थान के अध्य्क्ष राजेन्द्र रावत उपाध्यक्ष पंकज रावत का भी पूरा सहयोग और मार्गदर्शन रहता है। गरीब बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है। पति अरुण दमेले से सन 1990 में विवाह हुआ था। कॉलेज के समय जब लड़कों को कमेन्ट करते देखती थी तभी से मन में आ गया था कि मैं एक ऐसी ताकत संस्थान के जरिये लड़कियों को दूंगी कि वह अबला नहीं सबला बनकर समाज में जी सके और मार्शल आर्ट्स के जरिये मेरा सपना पूरा हो रहा है।

अब तक मिले सम्मान
रानी दमेले को 19 नवंबर को वीरांगना राष्ट्रीय पुरस्कार संस्कार मंजरी प्रदान किया गया। खासबात यह है कि इस पुरस्कार के लिए देश की चार महिलाओं का चयन किया गया था, जिसमें बांदा की रानी दमेले भी रहीं। इसेके अलावा नारी जागृति सम्मान , महिला सुरक्षा सम्मान उत्तरप्रदेश सरकार, कुल्दीप्ति सम्मान, कोरोना योद्धा सम्मान, राधा कृष्ण बुंदेली स्मृतिसम्मान, कालिंजर महोत्सव में सांस्कृतिक गतिविधियों को लिए डीएम द्वारा सम्मानित किया गया।

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