संतकबीरनगर के सीएमओ की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, फर्जी कोविड सर्टिफिकेट बनाने का आरोप
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संत कबीर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ फर्जी कोविड सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में खलीलाबाद कोतवाली में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संत कबीर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह के खिलाफ फर्जी कोविड सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में खलीलाबाद कोतवाली में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सीएमओ डॉ हरगोविंद सिंह की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ किसी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है। कोर्ट ने सीएमओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले न्यायिक अधिकारी पर भी गंभीर टिप्पणी की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ केजे ठाकर एवं न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खंडपीठ ने दिया है। सीएमओ के खिलाफ कोतवाली खलीलाबाद थाने में 26 दिसंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कराया गया। याची का कहना है कि उसने आरोपी एमएलए के कोविड पॉजिटिव होने की रिपोर्ट दी थी जो राज्य सरकार की वेबसाइट पर है। न्यायिक अधिकारी ने इसकी जांच किए बिना याची के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया जबकि याची अपने जिले में टीकाकरण अभियान चला रहा है।
कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही राजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से सभी न्यायकि अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महामारी के मौजूदा दौर में किसी को भी सम्मन जारी कर तलब न किया जाए। इसके बावजूद न्यायिक अधिकारी ने न सिर्फ आरोपी एमएलए को सम्मन जारी किया बल्कि जब उसने कोविड पॉजिटिव होने का सर्टिफिकेट दिखाया तो बिना की किसी ठोस आधार के उसे फर्जी मानते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सीएमओ के खिलाफ दर्ज मुकदमे की कार्यवाही व विवेचना पर रोक लगाते हुए गिरफ़तारी नहीं करने का निर्देश दिया है। साथ ही मुकदमे में दर्ज अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।