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अखिलेश के होटल समेत चार संपत्तियों के निर्माण पर हाईकोर्ट की रोक

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विक्रमादित्य मार्ग पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिम्पल यादव के प्रस्तावित हेरिटेज होटल के निर्माण पर रोक लगा दी है। मामले की अग्रिम सुनवाई 5 सितम्बर को...

अखिलेश के होटल समेत चार संपत्तियों के निर्माण पर हाईकोर्ट की रोक
लखनऊ ' विधि संवाददाता Sat, 18 Aug 2018 11:00 PM
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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विक्रमादित्य मार्ग पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिम्पल यादव के प्रस्तावित हेरिटेज होटल के निर्माण पर रोक लगा दी है। मामले की अग्रिम सुनवाई 5 सितम्बर को होगी। पूर्व मुख्यमंत्री के होटल का निर्माण 1- ए विक्रमादित्य मार्ग पर प्रस्तावित है। न्यायालय ने उक्त सम्पत्ति के अलावा विक्रमादित्य मार्ग की ही तीन और संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने पर अंतरिम रोक लगाई है। 

ये सभी सम्पत्तियां समाजवादी पार्टी, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, डिम्पल यादव व जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के कब्जे में हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी की ओर से दाखिल जनहित याचिका को स्वतः संज्ञान के तौर पर लेते हुए पारित किया। न्यायालय ने याची को याचिका से अलग करने का भी निर्देश दिया। 

इन संपत्तियों के निर्माण पर रोक
इसके साथ ही न्यायालय ने अंतरिम आदेश देते हुए, 19ए विक्रमादित्य मार्ग, खसरा संख्या- 8डी, 1ए- विक्रमादित्य मार्ग व आवास संख्या- 7 टाइप- IV, बंदरिया बाग, लखनऊ पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने 24 घंटों के भीतर इन सभी सम्पत्तियों की फोटोग्राफी भी कराने के आदेश दिए हैं। 

जवाबी हलफनाफा दाखिल करने का निर्देश
न्यायालय ने राज्य सम्पत्ति अधिकारी, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त व प्रमुख सचिव, आवास व शहरी नियोजन को याचिका में दिए तथ्यों की पुष्टि कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा है। न्यायलाय ने कहा कि अखबारों में लगातार इस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि कालीदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग और गौतमपल्ली के हाई सिक्योरिटी जोन में अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। कुछ बंगलों के लैंड यूज परिवर्तित करते हुए, राजनीतिक दल के कार्यालय बना दिए गए हैं। 

सुरक्षा की दृष्टि से निर्माण ठीक नहीं
न्यायालय ने ध्यान दिलाते हुए आदेश में कहा कि यहां मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के जज, मुख्य सचिव, राजस्व परिषद के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मंत्री व वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के आवास हैं। इस प्रकार के निर्माण यहां होते हैं यहां के निवासियों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं हैं। 

याची को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश 
याची शिशिर चतुर्वेदी ने न्यायालय को बताया कि उक्त याचिका दाखिल करने के बाद से उसे धमकियां मिल रही हैं। इस पर न्यायालय ने उसे याचिका से अलग करते हुए कहा कि सुनवाई के किसी स्टेज पर याची किन्हीं कारणों से याचिका वापस लेने की प्रार्थना कर सकता है। ऐसी स्थिति में हम इसे सुओ मोटो के तौर पर सुनेंगे। न्यायालय ने डीजीपी को निर्देश दिए कि यदि याची की शिकायत सही पाई जाए तो उसे व उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

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