हाथरस हादसे के बाद अखिलेश यादव की पुरानी पोस्ट हो रही वायरल, आखिर क्या है कनेक्शन?
हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ और सौ से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अखिलेश यादव की एक साल पुरानी पोस्ट वायरल हो रही है। यह पोस्ट खुद अखिलेश ने डाली थी।
हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ और सौ से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अखिलेश यादव की एक साल पुरानी पोस्ट वायरल हो रही है। यह पोस्ट खुद एक्स पर अखिलेश यादव ने डाली थी। दरअसल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी पिछले साल बाबा के सत्संग में गए थे। उस समय अखिलेश ने खुद सत्संग की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो। आज जब हादसा हुआ है तो अखिलेश की पोस्ट फिर से चर्चा में है। इसे वायरल किया जा रहा है। तब अखिलेश यादव ने सत्संग स्थल से ही भाषण देते हुए कहा था कि इतनी बड़ी संख्या में भारत में एक साथ कही नहीं देखा है। सब बाबा की कृपा है औऱ आपकी कृपा बनी रहे।
अखिलेश यादव पिछले साल तीन जनवरी को भोले बाबा के सत्संग में गए थे। इसी सत्संग की चार तस्वीरें उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट की थी। इस पोस्ट के साथ उनकी यहां पर दिए गए भाषण के कई वीडियो भी रिपोस्ट किए गए थे।मंगलवार को हादसे के बाद यही पोस्ट अब वायरल किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने हादसे के बाद यूपी की योगी सरकार पर निशाना भी साधा है। अखिलेश ने कहा कि बाबा के सत्संग पहले भी होते रहे हैं। लेकिन हमेशा सुऱक्षा व्यवस्था रहती थी। इस बार ही क्यों हादसा हुआ है।
कहा कि हाथरस हादसे के लिए सरकार जिम्मेदार है। सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर इतने ज्यादा लोग इकट्ठा हुए तोआखिर सरकार क्या कर रही थी। सरकार की जानकारी में होने के बाद भी इतनी बड़ी घटना हो जाना बहुत दुखद है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अगर किसी आयोजन में इतने लोग आने वाले हैं तो उनकी सुरक्षा व्यवस्था करे। सरकार ने सुरक्षा के लिए क्या किया। कहा कि जब तक आप किसी आयोजन में शुरुआत से लेकर अंत तक ध्यान नहीं देंगे तो ऐसी ही घटनाएं होंगी। इस हादसे के लिए सरकार ही जिम्मेदार है। अखिलेश ने कहा कि मरने वालों के परिवार वालों की मदद हो। जो घायल हैं, जिनको इलाज की जरूरत है, उनका अच्छे से इलाज हो।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सवा लाख से अधिक लोग सत्संग में मौजूद थे। समापन के बाद हर कोई निकलने की जल्दी में था। गर्मी और उमस के कारण श्रद्धालु परेशान थे। इसी बीच बाबा का काफिला निकालने के लिए लोगों को रोका गया। हर कोई बाबा को नजदीक से देखना चाहता था। पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ता गया। सड़क के करीब दलदली मिट्टी और गड्ढा होने के कारण आगे मौजूद लोग दबाव नहीं झेल सके औऱ एक के बाद एक गिरते चले गए। खासकर जमीन पर गिरीं महिलाओँ व बच्चों के ऊपर से लोग गुजरते चले गए। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए।
राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ ही यूपी के विभिन्न जनपदों से आए लोग अपने साथियों और अपनों को खोजने में जुट गए। सिकंदराराऊ सीएचसी के साथ ही हाथरस, कासगंज और एटा के अस्पतालों की ओर लोग घायलों को लेकर दौड़ पड़े। एक साथ इतने लोगों के आने से अस्पताल में अफरातफरी मच गई। इंतजामों के अभाव में कई लोगों की सांसें थम गईं। अस्पताल परिसरों में मृतकों के बीच अपनों की तलाश में रोते-बिलखते लोगों को देखकर हर किसी की रूह कांप उठी। खबर लिखे जाने तक मृतकों की शिनाख्त के प्रयास जारी थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।