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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Hathras stampede An eyewitness girl of incident told how happened There was no way everyone fell on each other

रास्ता नहीं था, सब एक-दूसरे पर गिरे; हाथरस हादसे की चश्मदीद बच्ची ने बताया कैसे मची भगदड़

हाथरस भगदड़ हादसे की चश्मदीद किशोरी ने हालात बयां किए हैं। यह किशोरी अपनी मां के साथ सत्संग में गई थी। उसका कहना है कि वह खुद मरते मरते बची है। रास्ता नहीं था, सब एक दूसरे पर गिर रहे थे।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, हाथरसTue, 2 July 2024 02:49 PM
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हाथरस भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में सौ से ज्यादा लोगों की मौत ने हर किसी को विचलित कर दिया है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। हादसे के कारण तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन एक चश्मदीद किशोरी ने हालात बयां किए हैं। यह किशोरी अपनी मां के साथ सत्संग में गई थी। उसका कहना है कि वह खुद मरते मरते बची है। उसकी मां भी घायल हैं। एटा के जिला अस्पताल में भर्ती ज्योंति ने बताया कि आखिर भगदड़ मची कैसे है। ज्योति ने बताया कि भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को बहुत ज्यादा भीड़ थी। करीब तीन घंटे तक सत्संग चला। इसके बाद जब खत्म हुआ तो सभी लोग बाहर निकलने लगे।

ज्योति ने बताया कि पंडाल से निकलने का रास्ता बेहद सकरा था। बाहर निकलने की हड़बड़ी में लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े और भगदड़ मच गई। जब मैंने बाहर निकलने की कोशिश की तो पाया कि बाहर मोटरसाइकिलें खड़ी हैं। इससे कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया था। इसी बीच पीछे से काफी लोग हम लोगों को भी धकेलते हुए आगे बढ़ रहे थे। मुझे भी लगा कि कुचल जाएंगे। तब तक कई लोग बेहोश होकर जमीन पर गिरे थे। कई लोग शायद मर गए थे। इसके बाद ज्योति ने कहा कि उसे उसकी मां के साथ एटा अस्पताल लाया गया। उस समय उसकी मां भी बेहोश थी।

अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महीने के पहले मंगलवार के कारण काफी भीड़ होती है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की कतार तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी। पुलिस के अनुसार साकार नारायण विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग की शुरुआत मंगलवार सुबह नौ बजे से हुई थी। मानव मंगल मिलन सत्संग समिति की तरफ से आयोजन किया गया था। सत्संग में शामिल होने के लिए अलीगढ़, एटा, आगरा, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, कासंगज के अलावा दिल्ली, जयपुर से भी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु पहुंचे थे। शाम करीब चार बजे सत्संग समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ का पंडाल से निकलना शुरु हुआ।

सत्संग में शामिल होने के लिये अपने परिवार के साथ जयपुर से आई एक महिला ने बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग बाहर निकलने में जल्दबाजी कर रहे थे। गर्मी-बरसात की वजह से पंडाल में काफी उमस थी। जिसके चलते तमाम श्रद्धालु बाहर निकलने की जल्दी करने लगे। इस दौरान भोले बाबा का काफिला निकालने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया। तभी श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। जिसमें तमाम श्रद्धालु जमीन पर गिर पड़े और लोग उन्हें कुचलते हुए भागने लगे। पूरे पंडाल में चीख-पुकार मच गई। हादसे के बाद मृतकों के शवों व घायलों को एटा, हाथरस, अलीगढ़ में उपचार के लिए भेजा गया।

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