Hathras Gangrape case: मेडिकल रिपोर्ट में हाथरस की दलित युवती से गैंग रेप की पुष्टि नहीं, अब फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार
हाथरस की दलित युवती से हैवानियत के बाद उसकी मौत से पूरे देश में आक्रोश है और विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। इस बीच हाथरस जिले के एसपी विक्रांत वीर ने दावा किया कि युवती की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की...
हाथरस की दलित युवती से हैवानियत के बाद उसकी मौत से पूरे देश में आक्रोश है और विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। इस बीच हाथरस जिले के एसपी विक्रांत वीर ने दावा किया कि युवती की मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ से मिली मेडिकल रिपोर्ट में जख्म की बात तो है, लेकिन सेक्शुअल इंटरकोर्स की पुष्टि नहीं हो पाई है। इसकी पुष्टि के लिए अब प्रशासन फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
दो सप्ताह तक अलीगढ़ में ही जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद युवती को 28 सितंबर को दिल्ली के सफदंरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां अगले दिन उसकी मौत हो गई थी।
दूसरी तरफ, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, जहां युवती का दो सप्ताह तक इलाज चला था, के प्रिंसिपल शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि पीड़िता को सफदरजंग हॉस्पिटल में क्यों भर्ती कराया गया था, जबकि हमने उसे एम्स रेफर किया था।
14 सितंबर को गांव चंदपा की युवती अपनी मां के साथ खेत पर गई थी और आरोप के मुताबिक सासनी निवासी एक युवक ने उस पर जानलेवा हमला किया था। युवती ने सीओ सादाबाद को दिए बयान में तीन और युवक के नाम बताए थे, जिसके बाद पुलिस ने केस में गैंग रेप की धारा बढ़ा दी थी। इस मामले में पुलिस चारों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर के सीएमओ डॉ एहतेशाम ने बताया कि पीड़िता को गर्दन के पास गहरी चोट थी और रीढ़ की हड्डी टूट चुकी थी, जिसकी वजह से दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। गर्दन के पास की हड्डी टूटने की वजह से वह सांस नहीं के बराबर ले पा रही थी और उसकी गर्दन की नस भी टूट चुकी थी। बताया जा रहा है कि गले और रीढ़ की हड्डी टूटने की वजह से ही युवती की मौत हुई।