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ग्राम प्रधान संगठन अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन की राह पर, जिलेवार सम्मेलन का सिलसिला शुरू

राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन की उ.प्र.इकाई  मांगों को लेकर अब आन्दोलन की राह पर चल पड़ी है। पहले चरण में संगठन जिलेवार सम्मेलन आयोजित कर ग्राम प्रधानों को एकजुट कर उन्हें प्रधानों की...

ग्राम प्रधान संगठन अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन की राह पर, जिलेवार सम्मेलन का सिलसिला शुरू
विशेष संवाददाता ,लखनऊWed, 13 Oct 2021 05:35 PM

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राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन की उ.प्र.इकाई  मांगों को लेकर अब आन्दोलन की राह पर चल पड़ी है। पहले चरण में संगठन जिलेवार सम्मेलन आयोजित कर ग्राम प्रधानों को एकजुट कर उन्हें प्रधानों की समस्याओं के बारे में जानकारी दे रहा है। अब तक संगठन के चार सम्मेलन हो चुके हैं। यह सम्मेलन जालौन, झांसी व कानपुर देहात आदि जिलों में हो चुके हैं।

आगामी 15 अक्तूबर को बुलंदशहर, 17 अक्तूबर को भदोही और 25 अक्तूबर को चंदौली में ऐसे ही सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इन सम्मेलनों के दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को ज्ञापन भी दिए जा रहे हैं। अगर समय रहते प्रदेश के ग्राम प्रधानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो फिर संगठन लखनऊ में डेरा डालने को मजबूर होगा। 

बताते चलें कि बीती 12 सितम्बर को संगठन का एक प्रतिनिधि मण्डल अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज से मिला था और उन्हें अपनी समस्याओं के संबंध में आठ सूत्रीय मांगपत्र दिया था। इस मांगपत्र में संविधान के 73वें संशोधन के अनुरूप अधिकार ग्राम पंचायतों को दिए जाने, पंचायती राज अधिनियम के तहत काम कराने के लिए प्रभावी आदेश जारी किए जाने, राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से जन प्रतिनिधि कल्याण कोष गठित किए जाने, ग्राम पंचायतों को दो लाख तक के बजाए 20 लाख तक की परियोजनाओं की मंजूरी का अधिकार देने, कोई नया पोर्टल विकसित कर या ई-ग्राम स्वराज पोर्टल में प्रावधान कर 10 कार्य दिवसों में वित्तीय स्वीकृति या दो कार्य दिवसों में आपत्ति का समय तय किए जाने की मांगें शामिल हैं।

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