लॉकडाउन में घर लौटे मजदूरों को मिलेगी नौकरी, 35 लाख कामगारों को उद्योगों में ट्रेनिंग कराकर रोजगार दिलाएगी सरकार
राज्य में निवेश कर उद्योग लगाने वाली कंपनियों को कुशल कामगार अब आसानी से यूपी में ही मिल जाएंगे। कंपनियां उन्हें उनकी क्षमता व कौशल के हिसाब से प्रशिक्षण दिलवाएंगी। इसके बदले सरकार उन्हें प्रशिक्षण...
राज्य में निवेश कर उद्योग लगाने वाली कंपनियों को कुशल कामगार अब आसानी से यूपी में ही मिल जाएंगे। कंपनियां उन्हें उनकी क्षमता व कौशल के हिसाब से प्रशिक्षण दिलवाएंगी। इसके बदले सरकार उन्हें प्रशिक्षण के खर्च के रूप में निश्चित रकम देगी। कंपनियां प्रशिक्षण के बाद उन्हें अपने यहां रोजगार देंगी। कामगारों को इस दौरान वास्तविक रूप से उद्योगों में काम का अनुभव मिलेगा।
कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते लाखों कामगार अपने राज्य यूपी लौटे। दूसरे राज्यों में यह कुशलता के साथ अपने रोजगार में लगे थे। विभिन्न ट्रेड के आधार पर सरकार ने 35 लाख युवाओं की स्किल मैपिंग की है। अब सरकार ने इन बड़ी कंपनियों (जिसमें वर्तमान में चल रही कंपनियां भी शामिल हैं) व सर्विस सेक्टर एजेंसियों को इसके लिए आमंत्रण दिया है। कौशल विकास मिशन के सहयोग से इन कामगारों को उद्योगों की खास जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्लेसमेंट एजेंसी इन प्रशिक्षित लोगों को उद्योगों को उपलब्ध करवाएंगी। कंपनियों का कम से कम टर्नओवर 100 करोड़ और सर्विस सेक्टर यूनिट के लिए 50 करोड़ होना जरूरी है। कंपनियों को 80 प्रतिशत प्रशिक्षित लोगों को अपने यहां या सहायक यूनिट में लगाना होगा। उद्योग यहां फ्लैक्सी ट्रेनिंग पार्टनर के तौर पर भूमिका निभाएंगे।
करना होगा प्रक्रिया का पालन
आवेदन कंपनियों को इसके लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होगा। अभी तक 29 कंपनियों इसके लिए कौशल विकास मिशन के साथ समझौता किया है। इस योजना का मकसद उद्योगों को उनकी जरूरत के हिसाब से कामगार उपलब्ध करवाना व उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी में भागीदार बनाना है साथ ही यूपी के श्रमिकों व कामगारों को बेहतरीन प्रशिक्षण दिलवाना है ताकि वह यहीं पर रोजगार करें।