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गोरखपुर चिडि़याघर: बच्‍चे देखेंगे उड़कर शिकार करने वाली मछली 

गोरखपुर चिडि़याघर में बच्‍चे हवा में उड़कर शिकार करने वाली मछली देखेंगे। यहां नरभक्षी एलीगेटर गार से लेकर अफ्रीका के मलावी चेक की चिकलेट और अमेरिकन रेड टेल शार्क तक के दीदार हो...

गोरखपुर चिडि़याघर: बच्‍चे देखेंगे उड़कर शिकार करने वाली मछली 
राजीव दत्‍त पांडेय,गोरखपुर Tue, 02 Jun 2020 02:23 PM
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गोरखपुर चिडि़याघर में बच्‍चे हवा में उड़कर शिकार करने वाली मछली देखेंगे। यहां नरभक्षी एलीगेटर गार से लेकर अफ्रीका के मलावी चेक की चिकलेट और अमेरिकन रेड टेल शार्क तक के दीदार हो सकेंगे। 

प्राणि उद्यान के निर्माणाधीन एक्‍वेरियम में 70 प्रजातियों की पांच हजार मछलियां लाई जाएंगी। इसके लिए यहां सवा करोड़ की लागत से 24 एक्‍वेरियम टैंक बनाए जा रहे हैं। एक्वेरियम का सिविल वर्क पूरा हो चुका है। प्राणि उद्यान में तैनात क्षेत्रीय वन अधिकारी सुनील राव, वन दरोगा रोहित सिंह, प्रशासनिक अधिकारी राजीव श्रीवास्तव निरंतर निर्माण कार्य पर नजर रख रहे हैं। सुनील राव कहते हैं कि यह प्राणि उद्यान का एक बड़ा आकर्षण होगा। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह कहते हैं कि एक्वेरियम का निर्माण करने वाली फर्म को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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टैंक निर्माण के लिए आए शीशे
एक्वेरियम में लगाने के लिए शीशे प्राणि उद्यान पहुंच चुके हैं। प्रत्येक टैंक में पानी का स्तर 30 इंच के आसपास होगा। उसके ऊपर का क्षेत्र मछलियों के लिए जम्पिंग क्षेत्र होगा ताकि आक्सीजन के बुलबुले के साथ मछलियां अपनी स्वभाविक छलांग लगा सकें। इसके लिए प्रत्येक टैंक में 18 इंच का स्थान खाली छोड़ा जाएगा। छूटा हुआ स्थान बाहर से दिखाई न दे इसके लिए वहां इफार्मेशन पैनल स्टीकर की तरह लगाया जाएगा।

माना जा रहा है कि एक्वेरियम का काम जुलाई के पहले सप्ताह में पूर्ण हो जाएगा। प्रत्येक टैंक के नीचे लोहे का 5 फीट लम्बा और 2 फीट चौडा और  6 इंच ऊंचा होगा। इसके ऊपर 8 एमएम का बोर्ड लगाया जाएगा। इसके बाद शीशा लगेगा। टैंक के शीशे जर्मनी के सिलकॉन पेस्ट से जोड़े जाएगें। उसके बाद बीम के रूप में शीशे की पटिया लगाई जाएगी जिसे सूखने में ही कम से कम 15 दिन लगेगा। टैंक बनने के बाद वुडन पैलमेटिंग की जाएगी। सभी टैंक के ऊपर लोहे का हेंगर बनेगा जिसकेू उपर पानी, आक्सीजन लाइन और लाईट हैंग होगी।

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हर टैंक मछलियों के प्राकृतिक आवास की तरह बनेगा सुविधाजनक
विशेषज्ञों की मदद से प्रत्येक टैंक को मछलियों के प्राकृतिक आवास की तर्ज पर सुविधाजनक बनाया जाएगा। ताकि मछलियां वहां ज्यादा खुश और सुविधाजनक ढंग से रह सकें। मछलियों की देखभाल के लिए लैब और हर मछली के लिए भोजन का इंतजाम किया जाएगा।

समुद्री जल के होंगे 4 टैंक
एक्वेरियम के कुल 24 टैंक में 20 टैंक साफ पानी के होंगे तो 04 टैंक समुद्री जल के होंगे। समुद्री जल के एक टैंक में 06 स्टार फिश, 10 एनिमोन, 10 क्लोन फिश और 25 डमसिल फिश रीखा जाएंगी। इसके अलावा समुद्री जल के एक टैंक में 5 लायन फिश रखी जाएंगी। समुद्री जल के तीसरे टैंक में मोनो एंजल्स और सी एंजल्स फिश 200 की संख्या में रखी जाएगी।

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