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यूपी में अफसरों की लापरवाही से फंसी बेटियों की फीस माफी, शिक्षा निदेशालय की चिट्ठि‍यों का 21 जिलों ने नहीं दिया जवाब

यूपी में अफसरों की लापरवाही के चलते बेटियों की फीस माफी फंसी हुई है। शिक्षा निदेशालय की ओर से 24 सितंबर से 30 नवंबर तक पांच बार पत्र लिखकर सूचना मांगी गई लेकिन 21 जिलों ने सूचना नहीं दी।

यूपी में अफसरों की लापरवाही से फंसी बेटियों की फीस माफी, शिक्षा निदेशालय की चिट्ठि‍यों का 21 जिलों ने नहीं दिया जवाब
Ajay Singhप्रमुख संवाददाता,प्रयागराजSat, 10 Dec 2022 01:42 PM

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यूपी में अफसरों की लापरवाही के चलते बेटियों की फीस माफी फंसी हुई है। शिक्षा निदेशालय की ओर से 24 सितंबर से 30 नवंबर तक पांच बार पत्र लिखकर जिला विद्यालय निरीक्षकों से निजी स्कूलों में पढ़ने वाली एक माता-पिता की एक से अधिक पुत्रियों के संबंध में सूचना मांगी गई थी लेकिन उसके बावजूद चार दिसंबर तक 21 जिलों से सूचना नहीं मिली थी। इस पर उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया ने पांच दिसंबर को इन 21 डीआईओएस को फिर से पत्र लिखकर आठ दिसंबर तक सूचना भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद तकरीबन आधा दर्जन डीआईओएस ने जानकारी नहीं दी है।

अब तक 75 में से 69 जिलों से तकरीबन 20 हजार छात्रों की फीस माफी का प्रस्ताव आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अक्तूबर 2021 (गांधी जयंती) को निजी स्कूलों से अपील की थी कि दो बहनें एक साथ पढ़ रही हों तो एक की फीस माफ हो। सीएम ने घोषणा की थी अगर निजी स्कूल ऐसा नहीं करते हैं तो संबंधित विभाग एक छात्रा की फीस का प्रबंध करे। विधानसभा चुनाव में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री घोषणा प्रकोष्ठ के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने शिक्षा विभाग के अफसरों से प्रस्ताव मांगा था। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने सीएम की घोषणा के अनुपालन के लिए 13 अप्रैल को पत्र जारी कर सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों से छात्राओं के संबंध में जानकारी मांगी थी।

संगमनगरी में 2837 छात्राओं की उम्मीद
संगमनगरी में 2837 छात्राओं की फीस माफी का प्रस्ताव भेजा गया है, हालांकि अभी तक सरकार ने यह तय नहीं किया है कि किस आय सीमा तक की बच्चियों को इसका लाभ मिलेगा। आय सीमा के संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से भेजा गया प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है। डीआईओएस पीएन सिंह के अनुसार निजी स्कूलों की 2837 छात्राओं की फीस माफी का प्रस्ताव गया है।

लाभार्थियों की संख्या तय नहीं
फीस माफी के लिए जिस गति से शिक्षा विभाग के अफसर काम कर रहे हैं, उससे तो इस सत्र में जरूरतमंदों को लाभ मिलना नामुमकिन लग रहा है। सीएम की घोषणा के 16 माह बाद भी लाभार्थियों की संख्या ही तय नहीं हो सकी है। सभी प्रक्रिया के बाद शासनादेश जारी होगा।

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