ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशगाजीपुर में मुख्तार अंसारी के करीबी का हाॅस्पिटल जमींदोज करने को लगातार तीन दिन में 26 घंटे तक चली कार्रवाई 

गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के करीबी का हाॅस्पिटल जमींदोज करने को लगातार तीन दिन में 26 घंटे तक चली कार्रवाई 

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे-ए- हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर तीन दिन की कवायद के बाद जमीदोंज हो गया। बोर्ड में अपील खारिज होने के बाद शनिवार को 11 घंटे,...

गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के करीबी का हाॅस्पिटल जमींदोज करने को लगातार तीन दिन में 26 घंटे तक चली कार्रवाई 
वरिष्ठ संवाददाता,गाजीपुर Mon, 26 Oct 2020 09:08 PM
ऐप पर पढ़ें

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी आलम सिद्दीकी के अवैध घोषित शम्मे-ए- हुसैनी हास्पिटल व ट्रामा सेंटर तीन दिन की कवायद के बाद जमीदोंज हो गया। बोर्ड में अपील खारिज होने के बाद शनिवार को 11 घंटे, रविवार को आठ घंटे और सोमवार को 7.30 घंटे में हास्पिटल और ट्रामा सेंटर समेत नर्सिंग कालेज की इमारत गिराई गई। सोमवार की शाम तक प्रशासन ने गंगा किनारे और अस्पताल के पिछले हिस्से में बनाया गया नर्सिंग कॉलेज का गर्ल्स हॉस्टल, स्टाफ क्वार्टर, कैंटीन की बिल्डिंग समेत बाउंड्रीवाल भी ढहा दी गई। बता दें कि दो सप्ताह पहले 191-आईएस गैंग के मुखिया मुख्तार के करीबी और मददगार आजम सिद्दीकी और डाक्टर शादाब सिद्दीकी समेत परिवार के 17 शस्त्र लाइसेंस निलंबित हो चुके हैं।

सदर कोतवाली क्षेत्र के हमीद सेतु गंगा किनारे बने शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल ढहाने की कार्रवाई शनिवार, रविवार के बाद सोमवार शाम तक जारी रही। एडीएम और एसपी सिटी की अगुवाई में लगातार तीसरे दिन सोमवार शाम तक शम्मै-ए-हुसैनी पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चलती रही।  60 से अधिक पुलिस और सात प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सुबह से रात तक 27  मजदूर  बिल्डिंग को जमींदोज करने के काम में जुटे रहे। तीसरे दिन की कार्रवाई में लगभग प्रमुख इमारतों समेत फैक्ल्टी के सभी संकाय ध्वस्त किए गए। मुख्य गेट से लेकर बाउंड्रीवाल तक गिरा दी गई तो किराए पर उठी दुकानों की दीवारों को भी पूरी तरह मलबा बना दिया गया। एडीएम राजेश कुमार सिंह और एएसपी सिटी गोपीनाथ सोनी के निर्देशन में पुलिस ने बाहर से बैरिकडिंग कर ध्वस्तीकरण की। कैंपस के उत्तरी छोर (गंगा किनारे) इमारत को ध्वस्त करने के लिए एक पोकलेन और तीन जेसीबी के साथ ही काफी संख्या में मजदूर लगाए गए थे।  

बताते चलें कि एनजीटी ने अपने नियमों में गंगा तट के 200 मीटर के दायरे में किसी भी पक्के निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। एसडीएम की जांच में सामने आया कि अस्पताल परिधि के अंदर और गंगा की जमीन पर कब्जा कर बनाया गया था। अस्पताल पर जांच के बाद आठ अक्तूबर को एसडीएम सदर ने नोटिस चस्पाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया था। 


 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें