नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश, ज्वाइनिंग लेटर देकर कराते थे फर्जी ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। आरोप है कि इन लोगों ने नौकरी का झांसा देकर 15 करोड़ रुपये की ठगी की। मामले में तीन लोग गिरफ्तार हुए है।
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यूपी से लेकर उत्तराखंड तक नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिरों को हमीरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोह ने तीन-चार वर्षों में सैकड़ों लोगों से 15 करोड़ से अधिक की ठगी की है। पूछताछ में पता चला है कि गिरोह ने लखनऊ को ठिकाना बनाया हुआ है।
मौदहा के मदारपुर गांव निवासी शहबाज खान ने 22 अगस्त को वन विभाग में नौकरी के नाम पर चंदौली के मधिया निवासी इंतजार खान के खिलाफ 2.94 लाख रुपये की साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मौदहा पुलिस एवं साइबर क्राइम की टीम ने शुक्रवार को ग्राम नरायच के पास हाइवे से तीन अभियुक्तों हरदोई के मल्लावां थाने के लच्छीपुर गांव निवासी अंकित त्रिपाठी, मुरादाबाद के काठ रोड सोनकपुर निवासी सूरज कुमार और इंतजार खान को गिरफ्तार कर लिया।
इनसे पूछताछ में गिरोह की परतें खुलती चली गईं। एसपी शुभम पटेल के अनुसार, मामले की जांच के दौरान पूरे रैकेट का खुलासा हुआ। शातिर वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिये लोगों को निशाना बनाया करते थे। फोन पर बात करके पैसा पहले ही ट्रांसफर करा लेते थे और फिर कागजी कार्यवाही या ट्रेनिंग का झांसा देते थे। सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये शातिर लोगों को ज्वाइनिंग लेटर देकर कानपुर-लखनऊ में ट्रेनिंग भी करा देते थे।
गिरोह के तीन अन्य सदस्य अनिकेत, अनुराग त्रिपाठी व अभिषेक पाण्डेय फरार हैं। पकड़े गए सदस्यों के पास से भाजपा का झंडा लगी लग्जरी कार, नकदी, फर्जी नियुक्ति पत्र समेत सैकड़ों आधार, पैन कार्ड, विभिन्न कंपनियों के लोगो, ज्वाइनिंग लेटर का फार्मेट आदि बरामद हुए हैं।
दो खातों से 15 करोड़ का ट्रांजेक्शन
एसपी के मुताबिक, बैंक स्टेटमेंट से खुलासा हुआ है कि सूरज के खाते से 10.30 करोड़ व अंकित के खाते से 4.75 करोड़ का साइबर फ्रॉड संबंधी ट्रांजेक्शन हुआ है। आरोपितों के बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। पुलिस अब आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी।