माघ मेले से पहले प्रयागराज में गंगा का जल हुआ काला, संत समाज ने प्रशासन को दी चेतावनी
माघ मेले के पहले स्नान पर्व से ठीक पहले गंगा का जल काला होने पर संतों में नाराजगी है। संतों ने इस बात पर स्थानीय प्रशासन से सीधे तौर पर लड़ाई का ऐलान कर दिया है। कहा कि अगर गंगा में पर्याप्त पानी...
माघ मेले के पहले स्नान पर्व से ठीक पहले गंगा का जल काला होने पर संतों में नाराजगी है। संतों ने इस बात पर स्थानीय प्रशासन से सीधे तौर पर लड़ाई का ऐलान कर दिया है। कहा कि अगर गंगा में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा गया तो पहले स्नान पर्व के पूर्व 19 साल पहले किए गए आंदोलन को दोहराया जाएगा और स्नान भी बाधित हो सकता है।
स्वामी हरिचैत्न्य ब्रह्मचारी ने स्थानीय प्रशासन को चेताया कि 2001 में किया गया आंदोलन सभी को याद होगा। अगर प्रशासन चाहता है कि हरिचैत्न्य ब्रह्मवारी वो द़ृश्य दोहराएं तो हम तैयार हैं। गंगा हमारी मां है और हर श्रद्धालु को स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलना ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि गंगा में 32 नाले गिरते हैं सभी एसटीपी की जांच होनी चाहिए। उधर गंगा सेना शिविर के संचालक योगगुरु स्वामी आनंद गिरि का कहना है कि गंगा एक दो लोग नहीं करोड़ों भारतवंशियों की आस्था से जुड़ी है। ऐसे में गंगा का जल शुद्ध होना ही चाहिए। उधर, इस मामले में मनकामेश्वर मंदिर के प्रमुख आचार्य स्वामी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि गंगा को लेकर आस्था से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
बुधवार को गंगाजल के नमूने लिए गए थे
गंगा का जल काला होने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बुधवार को गंगा जल के नमूने लिए थे। एसटीपी पर लगे सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले गए थे। टीम ने कुल 18 नालों का नमूना लिया था और चार जगह गंगा व एक जगह यमुना जल का सैंपल लिया। इसे जांच के लिए लैब में भेजा गया है। इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी प्रदीप विश्वकर्मा का कहना है कि गंगा जल काला नहीं है। गंगा की तलहटी जैसी होती है रंग वैसा ही दिखता है। जो नमूने लिए गए हैं वो हमारे रूटीन जांच का हिस्सा है। इसे हम हर महीने करते हैं। पांच दिन बाद लिए गए नमूनों की रिपोर्ट आएगी।
एसटीपी में चल रहा है काम
टीम ने जहां भी नमूने लिए, उसमें छह में चार एसटीपी में काम चल रहा था। इसलिए माना जा रहा है कि नालों का पानी शोधित हुए बिना ही गंगा में जा रहा है। जिससे संगम तक जल काला हो गया था।
गंगा में गिरते हैं 32 नाले
गंगा में इस वक्त 32 नाले गिर रहे हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि सभी नालों को टेप कर दिया गया है। जो पानी आ रहा है वो एसटीपी के जरिए शोधित होकर आता है। लेकिन गंगा के किनारे रहने वाले लोगों की मानें तो रात के समय टेप हट जाते हैं और पानी सीधे गंगा में पहुंचता है।