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एवरेस्ट चढ़ने से भी कठिन है गंगा सफाई अभियान: बछेंद्री पाल

गंगा सफाई एक दिन का काम नहीं है। यह बहुत जटिल विषय है और रातोंरात हम गंगा साफ करने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। सीधे-सीधे कहें तो गंगा की सफाई का अभियान एवरेस्ट पर चढ़ने से भी कठिन है। यह कहना है...

एवरेस्ट चढ़ने से भी कठिन है गंगा सफाई अभियान: बछेंद्री पाल
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरSun, 14 Oct 2018 11:58 PM
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गंगा सफाई एक दिन का काम नहीं है। यह बहुत जटिल विषय है और रातोंरात हम गंगा साफ करने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। सीधे-सीधे कहें तो गंगा की सफाई का अभियान एवरेस्ट पर चढ़ने से भी कठिन है। यह कहना है प्रथम भारतीय महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल का। 
गंगा स्वच्छता अभियान के तहत हरिद्वार से कोलकाता तक गंगा यात्रा पर निकलीं बछेंद्री पाल 40 सदस्यीय दल के साथ रविवार को बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट पहुंचीं। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि गंगा की सफाई के प्रति लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। आम लोगों की इस अभियान में भागीदारी नहीं होगी, तब तक गंगा साफ नहीं हो सकती हैं।
मोदी ने कहा था, लोग करेंगे खुशियां साझा
बछेंद्री पाल ने कहा कि जब इस अभियान का प्रस्ताव लेकर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं, तो उन्होंने सराहना की। साथ ही कहा कि जब आपने एवरेस्ट चोटी फतेह की थी, तो उसकी खुशी साझा करने के लिए वहां लोग नहीं रहे होंगे। आप गंगा सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने वाले इस अभियान को लेकर लोगों के पास जाएंगी, तो वे इससे मिलने वाली खुशी साझा करेंगे। 
कनपुरिए करें गंगा सफाई में सहयोग
उन्होंने कहा कि कानपुर में गंगा की गंदगी के विषय में बहुत सुना है। इसे साफ करने के लिए हर आम आदमी को भागेदारी निभानी पड़ेगी। सबको जागरूक होना पड़ेगा। जब तक हर आदमी गंगा मां की स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं होगा, तब तक ऐसे अभियानों का कोई महत्व नहीं रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानपुर के लोगों का सम्मान और अपना देख बहुत अच्छा लगा।
बिठूर में किया गया भव्य स्वागत
नेशनल मिशन फॉर क्लीनिंग के तहत दल के साथ राफ्टिंग कर हरिद्वार से कोलकाता यात्रा के दौरान बछेंद्री पाल गंगा किनारे रहने वाले लोगों समेत पूरे देश को गंगा सफाई का संदेश दे रही हैं। रविवार को फर्रुखाबाद से राफ्टिंग टीम जैसे ही बिठूरे के ब्रह्मावर्त घाट पहुंची, स्थानीय लोगों ने गंगा मइया की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। डीएफओ अरविंद यादव की अगुवाई में स्कूली बच्चों और इलाकाई लोगों ने टीम का फूल-माला से भव्य स्वागत किया। इसके बाद टीम ने ब्रह्मावर्त खूंटी के दर्शन किए। इस मौके पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के यूपी एडवाइजर आदित्य विद्या सागर, गंगा विचार मंच के राघवेंद्र सिंह, अथर्वराज, अनिल सिंह रहे। 
नानाराव घाट तक किया पैदल मार्च
ब्रह्मावर्त घाट पर भव्य स्वागत से बछेंद्री की टीम उत्साहित नजर आई। वहां से टीम पैदल मार्च करते हुए नानाराव पेशवा किले की ओर निकली। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह दल का लोगों ने स्वागत किया। टीम ने लोगों को गंगा सफाई के लिए जागरूक किया। नानाराव पेशवा किले के गेट पर पूरी टीम ने गंगा मइया की जय जैसे नारे लगाते हुए स्वच्छता का संदेश दिया।
बुजुर्गों को सुनाई सफलता की कहानी
नानाराव पेशवा किले से बछेंद्री टीम के साथ वृद्धाश्रम आरोह पहुंचीं। वहां बुजुर्गों का हालचाल लिया और उनके साथ फोटो खिंचवाई। कमरों में जाकर उनका रहन-सहन देखा। बछेंद्री बुजुर्गों से मिल अभिभूत दिखीं। उन्होंने एवरेस्ट फतेह से लेकर हरिद्वार से कानपुर तक की यात्रा के अनुभव भी साझा किए। 
टीम में आठ सदस्य एवरेस्ट विजेता
बछेंद्री के 40 सदस्यीय दल में आठ एवरेस्ट विजेता हैं। हेमंत गुप्ता, राजेंद्र सिंह पाल, प्रेमलता, स्वर्णलता दलाई पूना राना, चेतना साहू के साथ ही आदिवासी परिवार से जुड़ी विनीता सोरंग भी एवरेस्ट विजेता हैं। झारखंड की विनीता इन दिनों सोशल वर्क से जुड़ी हैं। 
आज बिठूर के घाट पर स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम
सोमवार सुबह 8:30 बजे बछेंद्री की टीम स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम की अगुवाई करेगी। कनपुरियों के साथ बछेंद्री की टीम बिठूर में घाट और गंगा की सफाई करेगी। इसके बाद गंगा स्वच्छता पर छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगी। शाम चार बजे मोतीझील परिसर में नगर निगम कर्मचारियों से स्वच्छता संवाद होगा।

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