कांशीराम और मुलायम सिंह की दोस्ती से लेकर गेस्ट हाउस कांड तक, जानिए सपा-बसपा में कब-कब बिगड़े रिश्ते
सपा बसपा के रिश्ते कई बार बने बिगड़े। पहले कांशीराम मुलायम सिंह यादव की दोस्ती हुई। फिर गेस्ट हाउस कांड हो गया तो मायावती व मुलायम सिंह यादव के रिश्ते बेहद बिगड़ गए। तल्खी इतनी आ गई कि बातचीत...
सपा बसपा के रिश्ते कई बार बने बिगड़े। पहले कांशीराम मुलायम सिंह यादव की दोस्ती हुई। फिर गेस्ट हाउस कांड हो गया तो मायावती व मुलायम सिंह यादव के रिश्ते बेहद बिगड़ गए। तल्खी इतनी आ गई कि बातचीत तक बंद हो गई। इस तल्खी को कम करने का काम अखिलेश यादव ने किया। भाजपा को रोकने के लिए पुरानी कड़ुवाहट भुलाते हुए मायावती व अखिलश यादव साथ आए। मुलायम सिंह यादव ने इस पर अपनी सहमति दे दी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन दोनों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। सपा की सीटें दस से पांच हो गईं। जब बसपा जीरो से दस पर पहुंच गई। इसके बाद भी बसपा व सपा की दूरी बढ़ने लगी।
यह तरह का दोस्ती दुश्मनी का सफर
वर्ष 1993- सपा बसपा ने मिल कर चुनाव लड़ा और सरकार बनाई। मुलायम सिंह यादव बसपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बने
वर्ष 1995
उस साल दो जून को लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हुआ। सपा बसपा के बीच बढ़ती तल्खी के बीच सपाईयो ने बसपाईयो पर हमला कर दिया । गेस्ट हाउस में मायावती भी ठहरी थीं। यह कांड काफी चर्चित रहा। इसके बाद सपा बसपा के बीच दुश्मनी हो गई जो 2019 में आकर खत्म हुई।
वर्ष 2019
उस साल 12 जनवरी को 24 साल पुरानी दुश्मनी भुलाते हुए मायावती व अखिलेश ने लोकसभा चुनाव की जंग के लिए चुनावी गठबंधन का ऐलान किया। उसी साल 24 जून को मायावती ने सपा से संबंध तोड़ने का ऐलान किया। कहा अब आगे से बसपा सभी छोटे बड़े चुनाव अपने दम पर अकेले लड़ेगी।
वर्ष 2020
27 अक्टूबर को सपा ने बसपा प्रत्याशी को रोकने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी को उतार दिया। 29 अक्टूबर को मायावती ने अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले अपने सात बागी विधायकों को निलंबित किया साथ ही सपा को सबक सिखाने का भी ऐलान किया।