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यूपी: धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा, महराजगंज में फर्जी किसान बनाकर बिचौलियों ने बेच दिया करोड़ों का धान

किसान आंदोलन के बीच महराजगंज में धान खरीद में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। क्रय केन्द्र संचालकों ने फर्जी किसान बनाकर उनके नाम से सरकार को करोड़ों रुपये का धान एमएसपी पर बेच दिया। इस मामले में...

यूपी: धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा, महराजगंज में फर्जी किसान बनाकर बिचौलियों ने बेच दिया करोड़ों का धान
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,महराजगंज Thu, 18 Feb 2021 07:13 PM
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किसान आंदोलन के बीच महराजगंज में धान खरीद में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। क्रय केन्द्र संचालकों ने फर्जी किसान बनाकर उनके नाम से सरकार को करोड़ों रुपये का धान एमएसपी पर बेच दिया। इस मामले में धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, मुख्य आरोपित अभी फरार है। पुलिस की इस कार्रवाई से करीब 1.20 करोड़ रुपये सरकारी रकम का फर्जी भुगतान भी होने से बच गया। 

पुलिस के साइबर सेल ने मुखबिर की सूचना पर बुधवार रात को कोतवाली क्षेत्र के शिकारपुर स्थित एक मकान में छापेमारी की। यहां मौके से 6 लाख 92 हजार 500 रुपये नगद के अलावा भारी संख्या में पासबुक, चेकबुक, 37 पेन ड्राइव में किए गए डिजिटल सिग्नेचर, 87 मुहर, 243 सिमकार्ड, 638 लोगों के फोटो, 654 आधार कार्ड, बैंक के 137 फार्म, धान खरीद की 435 रसीदें, क्रय पंजिका की 462 छायाप्रति, 11 सादा लीगल स्टैम्प पेपर बरामद हुए। इसके अलावा पुलिस ने कम्प्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, एटीएम आदि कब्जे में लिया। जालसाजी का भारी सामान देख साइबर पुलिस ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच भी पहुंच गई। चार आरोपितों को पकड़कर कोतवाली लाई।

पुलिसिया पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि आम आदमी को किसान बनाकर उनके जरिए बिचौलियों ने सरकारी क्रय केन्द्र प्रभारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का धान एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर (1865 रुपये प्रति कुंतल) बेच दिया। यह धान किसानों से एक हजार से लेकर 14 सौ रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा गया था। इस मामले में कोतवाली पुलिस की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। साथ ही भालेन्दु चतुर्वेदी निवासी करमहा टोला घुरठई, भागवत प्रसाद निवासी बल्लोखास, व्यासमुनि, शत्रुघ्न पाठक निवासी बरवा विद्यापति, कोतवाली को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया गया। ये सभी धान खरीद घोटाले के फर्जी ऑफिस के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। मुख्य आरोपित अभी पकड़ में नहीं आ सका है। घोटाले का भंडाफोड़ होने से चेकबुक के 232 पन्नों में भरी गई 1 करोड़ 19 लाख 93 हजार 400 रुपये की सरकारी धनराशि का फर्जी भुगतान होने से बच गया। 

जांच के बाद ही पता चलेगा कि कितने कुंतल धान का भुगतान इस फर्जीवाड़े से किया गया है। लेकिन 1 करोड़ 19 लाख 93 हजार 400 रुपये के भुगतान के लिए चेकबुक के 232 पन्ने भरे मिले हैं। इस कार्रवाई के बाद इस रकम का भुगतान होने से बच गया।
मनोज पंत, प्रभारी-साइबर सेल

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