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मुरादाबाद हादसा: लाकड़ी में एक साथ पहुंचे चार शव, एक साथ जलीं चिताएं

सैकड़ों गमगीन लोगों की भीड़, पूरी गली में मातमी माहौल, मोहल्ले में अजीब का सन्नाटा और सन्नाटे को चीरती रोते-बिलखते लोगों की आवाज। कुछ ऐसा ही हृदयविदारक दृश्य सोमवार को मुरादाबाद के लाकड़ी के पुराने...

मुरादाबाद हादसा: लाकड़ी में एक साथ पहुंचे चार शव, एक साथ जलीं चिताएं
मुरादाबाद। अनय मिश्रTue, 14 May 2019 11:40 AM
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सैकड़ों गमगीन लोगों की भीड़, पूरी गली में मातमी माहौल, मोहल्ले में अजीब का सन्नाटा और सन्नाटे को चीरती रोते-बिलखते लोगों की आवाज। कुछ ऐसा ही हृदयविदारक दृश्य सोमवार को मुरादाबाद के लाकड़ी के पुराने शिव मंदिर वाली गली में नजर आया। यहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, लेकिन कोई किसी से बोल नहीं पा रहा था। देर शाम जब पोस्टमार्टम के बाद ट्रैक्टर ट्रॉली से चार शव पहुंचे तो पूरी गली में कोहराम मच गया। जो संभालने जुटे थे, उनकी आंखों से भी आंसू फूट पड़े। अंतिम विदाई देने लोगों का हुजूम था। शाम ढलने पर गागन नदी के किनारे एक साथ चार शव जले तो कठोर दिल वालों का भी दिल पसीज आया। अपनों को यूं विदाई देनी होगी। किसी ने सोचा भी न था।

मझोला के लाकड़ी पुराने शिवमंदिर वाली गली में रविवार शाम तक सबकुछ सामान्य था। खुशनुमा माहौल में राजेश कश्यप और पत्नी सरोज धेवती का छोछक लेकर खानदान व मोहल्ले के लोगों के साथ निकले थे। लेकिन हादसे में छह मौतों के बाद सोमवार तड़के से पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। सुबह सो कर लोग उठे तो हादसे की खबर पहुंच चुकी थी। लोग सरोद के घर की ओर दौड़ पड़े। दस बजते बजते मोहल्ले में सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई। रोते-बिलखते परिजनों और रिश्तेदारों के बीच लोग दिनभर पोस्टमार्टम के बाद शव आने का इंतजार करने लगा। दोपहर बाद तक भीड़ और बढ़ गई। हर कोई मौन साधे एक दूसरे को देख रहा था। बीच-बीच में केवल एक सवाल उठ रहा था....निकले की नहीं? कहां पहुंचे? कब तक शव आ जाएंगे?  शाम करीब पौने सात बजे दो ट्रैक्टर ट्रॉली में रामेश्वरी देवी, बिरमा देवी, हीरालाल और भोला के शव घर पहुंचे। शवों को जैसे ही ट्रैक्टर ट्रॉली से उतारा गया, कोहराम मच गया। बच्चे, महिलाएं, वृद्ध, जवान सभी फफक पड़े। हर आंखों से आंसुओं की धार थी। शवों को पहले घर में ले जाकर औपचारिकताएं पूरी की गईं। घरों से आ रही महिलाएं के रुदन की चीखें हर किसी की सीना चीर रही थीं। औपचारिकताओं के बाद मोहल्ले से चारों की शव यात्रा एक साथ निकली और फिर गागन नदी तट पर चार चिताएं सजाई गईं। चारों शवों का एक साथ दाह संस्कार हुआ। इस दौरान वहां मौजूद लागों ने आंसुओं की धार के बीच मृतकों को अंतिम विदाई दी।

घरों में नहीं जले चूल्हे, पड़ोसियों ने बच्चों के खाने-पीने का किया इंतजाम-
हादसे में छह मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद सोमवार को लाकड़ी के पुराने शिव मंदिर वाली गली के लगभग सभी घरों में दिनभर चूल्हे नहीं जले। मृतकों के अलावा अन्य लोगों के घरों में जो बच्चे थे उनके लिए मोहल्ले वालों ने बाजार से सामान खरीद कर या बाहर से रिश्तेदारों से मंगवा कर खाने पीने का इंतजाम किया। सभी घरों में केवल हादसे में जान गवाने वालों के व्यवहार और उनके परिवार के सामने आने वाली दिक्कतों की चर्चा होती रही।

13 मई को मुरादाबाद के लाकड़ी में हुआ था हादसा-

सोमवार को मुरादाबाद के लाकड़ी फाजलपुर गांव के 6 लोगों की हादसे में मौत हो गई थी। यह सभी नाख़ूनका गांव में एक दावत से देर रात वापस लौट रहे थे। ट्रैक्टर ट्रॉली हाईवे किनारे खाई में पलट गई। हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दो दर्जन महिला एवं बच्चे घायल हो गए थे।

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