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31 दिन पहले कानपुर से अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या, चार अपहर्ता गिरफ्तार

बर्रा के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अपहरणकांड के 31वें दिन इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने चार आरोपितों को दबोच लिया है पर शव नहीं मिला है। एसएसपी दिनेश कुमार पी...

31 दिन पहले कानपुर से अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या, चार अपहर्ता गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरFri, 24 Jul 2020 03:29 AM
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बर्रा के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अपहरणकांड के 31वें दिन इसका खुलासा हुआ। पुलिस ने चार आरोपितों को दबोच लिया है पर शव नहीं मिला है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि आरोपितों ने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्याकर शव पांडु नदी में फेंक दिया था। ऐसी जानकारी मिल रही है। शव की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं।  
हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी: पुलिस के अनुसार, हिरासत में ली गई कल्याणपुर की महिला, उसके रिश्तेदार और सचेंडी कैंधा के दो युवकों से पूछताछ जारी है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उनके साथ घटना में संजीत के साथ काम करने वाला पनकी निवासी एक अन्य युवक भी शामिल था। उसकी लोकेशन नोएडा मिलने पर पुलिस टीम भेजी गई है।
अपहरण की आशंका जताई थी: बर्रा पांच निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव 22 जून की देर शाम से लापता था। दो दिन तक संजीत का कोई सुराग न लगने पर परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई थी। आरोप लगाया था कि बेटी रुचि से शादी तोड़ने पर बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी के राहुल यादव ने बेटे का अपहरण किया।
29 जून को मांगी गई थी फिरौती:  पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्जकर आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इस दौरान 29 जून को अपहर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए पहली बार कॉल की। आरोप है कि परिवार के जानकारी देने के बाद भी पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। 11 जुलाई तक अपहर्ताओं ने परिजनों को फिरौती के लिए 21 कॉल कीं। परिजनों का कहना है कि पुलिस निगरानी में 13 जुलाई को फिरौती की रकम गुजैनी पुल से फेंक दी गई, जिसे लेकर अपहर्ता फरार हो गए। मामला तूल पकड़ने पर अगले दिन एसएसपी ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था। 
अपहरण में किसी करीबी का भी हाथः अपहरण में संजीत का एक करीबी भी शामिल था। उसका संजीत के घर आना जाना था और उसे मालूम था कि उसके यहां बहन की शादी टूटी है और घर वालों ने पैसा और जेवर रखे हुए है। उसे यहां तक पता था कि परिजनों के बैंक खाते में दस लाख जमा है। फिरौती की कॉल आने पर परिजनों ने जमा पूंजी संग ही रिश्तेदारों से लेकर 30 लाख जुटाकर दिए। उसने षड़यंत्र रचने के साथ ही कमरे आदि की भी व्यवस्था की थी।

 

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