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नाराजगी या कुछ और, सपा के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश ने क्यों लिखा, ...मगर तू यह ना समझ तूने, दिल दुखाया नहीं?

पा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में सपा विधायक और पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह का नाम नहीं है। उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

नाराजगी या कुछ और, सपा के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश ने क्यों लिखा, ...मगर तू यह ना समझ तूने, दिल दुखाया नहीं?
Deep Pandeyलाइव हिन्दुस्तान,लखनऊMon, 30 Jan 2023 04:00 PM

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सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी की गई। इस सूची में गाजीपुर जमानिया विधानसभा सीट से सपा विधायक और पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह का नाम नहीं है। उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

ओमप्रकाश सिंह ने सोमवार को अपने ऑफिसल टि्वटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि "ये अलग बात है, मैंने कभी जताया नहीं, मगर तू यह ना समझ तूने, दिल दुखाया नहीं। ओम प्रकाश यह ट्वीट रीट्वीट होने लगा। सोशल तेजी से वायरल होने लगा। इसके बाद ओमप्रकाश ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। 

सातवीं बार हैं विधायक

ओमप्रकाश सिंह अखिलेश और मुलायम सरकार में मंत्री रह चुके हैं और पूरे पूर्वांचल में दिग्गज सपा नेताओं में शुमार हैं। ओमप्रकाश सातवीं बार विधायक हैं। 1989 में जनता दल पार्टी से ओमप्रकाश ने कांग्रेस के अवधेश राय शास्त्री को 450 मतों से हराया। 1991 में समाजवादी जनता पार्टी से ओमप्रकाश ने भाजपा के सच्चिदानंद राय को 530 मतों से हराया। 1993 में सपा बसपा गठबंधन से ओमप्रकाश ने भाजपा के सच्चिदानंद राय को 36000 मतों से हराया। 1996 में सपा से ओमप्रकाश ने भाजपा के सच्चिदानंद राय को पुनः 26000 मतों से हराया। 2002 में समाजवादी पार्टी से ओमप्रकाश ने भाजपा के परिक्षित सिंह को 18000 मतों से हराया। 2007 में समाजवादी पार्टी से ओमप्रकाश को बसपा के पशुपति नाथ राय ने 9000 से भी अधिक मतों से हराया। 2012 में समाजवादी पार्टी ओमप्रकाश ने बसपा के उमाशंकर सिंह कुशवाहा को 12000 से अधिक मतों से हराया। 2017 में सपा उम्मीदवार ओमप्रकाश हार गए थे।

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