पूर्व BJP विधायक उदयभान करवरिया की समय से पहले होगी रिहाई, हत्या के मामले में मिली थी उम्रकैद की सजा
आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समयपूर्व रिहाई का आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उदयभान को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश शासन ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समयपूर्व रिहाई का आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग ने प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल में बंद उदयभान को रिहा करने का आदेश जारी किया है। हालांकि उनकी रिहाई तभी होगी, जब किसी अन्य वाद में उन्हें निरुद्ध रखना वांछित न हो।
बारा से दो बार विधायक रहे उदयभान, उनके बड़े भाई कपिलमुनि, छोटे भाई सूरजभान और रिश्तेदार रामचंद्र त्रिपाठी (कल्लू) को झूंसी के पूर्व विधायक जवाहर यादव (पंडित) की हत्या में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चार नवंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जवाहर की 13 अगस्त 1996 को शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में हत्या हुई थी। कपिलमुनि फूलपुर से सांसद और सूरजभान विधान परिषद सदस्य रहे हैं। उदयभान की पत्नी नीलम मेजा से विधायक रही हैं। इस बार लोकसभा चुनाव के बाद नीलम ही भाजपा की वह पहली नेता थीं, जिन्होंने कार्यकर्ताओं की बेकदरी का मुद्दा उठाया था। उसके बाद से अब तक यह मुद्दा भाजपा नेतृत्व के लिए सिरदर्द बना है।
जनवरी 2014 से बंद हैं नैनी जेल में
उदयभान ने गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद जनवरी 2014 में कोर्ट में सरेंडर किया था। वह तब से ही जेल में हैं। उस साल लोकसभा चुनाव में माना जा रहा था कि अगर उन्हें जमानत मिल गई तो फूलपुर सीट से वही भाजपा के प्रत्याशी होंगे। उन्हें जमानत नहीं मिली और मौजूदा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा ने मैदान में उतार दिया।
केशव के मुकाबिल उदयभान के बड़े भाई कपिलमुनि थे, जिन्हें बसपा ने उम्मीदवार बनाया था। कपिलमुनि वहां से बसपा के ही टिकट पर पूर्व में सांसद चुने गए थे। केशव की जीत से पहली बार फूलपुर सीट पर भाजपा का खाता खुला था।
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