Former BSP MP Dawood Ahmed tightened his grip on the building of 100 crores UP: देखिए कैसे 100 करोड़ की इमारत पलक झपकते ही जमींदोज, जानिए क्यों चला बुल्डोजर, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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UP: देखिए कैसे 100 करोड़ की इमारत पलक झपकते ही जमींदोज, जानिए क्यों चला बुल्डोजर

सीएम योगी सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में अवैध अपार्टमेंट बनाना पूर्व सांसद दाउद अहमद को...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊSun, 4 July 2021 10:34 PM
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UP: देखिए कैसे 100 करोड़ की इमारत पलक झपकते ही जमींदोज, जानिए क्यों चला बुल्डोजर

सीएम योगी सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में अवैध अपार्टमेंट बनाना पूर्व सांसद दाउद अहमद को भारी पड़ा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 3 जुलाई को इसे ध्वस्त करने का आदेश पारित किया था। जिसके बाद रविवार सुबह जिला प्रशासन ने इसे गिराने का काम शुरू करा दिया। दोपहर तक बिल्डिंग का आगे का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बिल्डिंग करीब 20 करोड़ की लागत से बनी है।

— Hindustan (@Live_Hindustan) July 4, 2021

पूर्व सांसद दाउद अहमद ने रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे एफ ब्लॉक में हाफिज डेयरी के सामने अवैध तरीके से 6 मंजिला अपार्टमेंट खड़ा कर लिया। इसका निर्माण केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजिडेंसी बिल्डिंग के विनियमित क्षेत्र में किया गया। पुरातत्व विभाग ने इसका निर्माण रोकने के लिए काफी प्रयास किया। एलडीए, लखनऊ के डीएम तथा कमिश्नर सहित तमाम अधिकारियों को पत्र लिखे। लेकिन किसी ने निर्माण नहीं रुकवाया। इससे 6 मंजिला इमारत खड़ी हो गयी। सुनवाई न हुई तब केन्द्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को निर्णय लेना पड़ा। पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक ने 3 जुलाई 2021 हो इसे ध्वस्त करने का आदेश पारित किया। 4 जुलाई को जिला प्रशासन तथा पुरातत्व विभाग की टीम ने इसे गिराने में लग गयी। इसमें एलडीए की भी मदद ली गई। दोपहर तक बिल्डिंग के बाहरी हिस्से को काफी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इसे इस तरह क्षतिग्रस्त कर दिया जाएगा ताकि भविष्य में उपयोग लायक न रहे।

डीएम को 15 दिनों में ध्वस्त करने का आदेश दिया तो हरकत में आया प्रशासन

केंद्र सरकार के संयुक्त महानिदेशक ने 3 जुलाई के इसे ध्वस्त करने के आदेश का अनुपालन कराने के लिए जिला अधिकारी को जिम्मेदारी दी। उन्होंने लखनऊ के जिलाधिकारी को इसका आदेश भेजा। 15 दिनों में गिराकर अवगत कराने को कहा। जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई।

पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग 2018 से दे रहा था नोटिस, एलडीए बनवा रहा था

पुरातत्व विभाग इस बिल्डिंग का निर्माण रुकवाने के लिए 2018 से ही नोटिस दे रहा था। एलडीए को भी काम रुकवाने के लिए कई पत्र लिखे। लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुरातत्व विभाग के पत्रों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। विभाग ने पहली नोटिस 12 अक्टूबर 2018 को जारी की थी। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 24 जून 2021 को दाउद अहमद को एक और नोटिस भेजी। उनसे 7 दिनों में जवाब देने को कहा गया। निर्माण हटाने को कहा गया था। केंद्र सरकार के प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष नियम 1959 के उप नियम 38 के उप नियम ( 2) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ को अवैध निर्माण को आदेश प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर हटाने का निर्देश दिया।

एलडीए ने दे रखी थी पूरी छूट, नहीं की कार्रवाई

एलडीए ने दाउद अहमद को बिल्डिंग बनवाने की पूरी छूट दे रखी थी। दाऊद अहमद ने इसका नक्शा एकल आवासीय पास कराया था लेकिन निर्माण बहुमंजिला करा लिया। पूरी बिल्डिंग अवैध थी। लगातार तमाम शिकायतें होने के बावजूद एलडीए ने केवल कहने को बिल्डिंग सील कराई। लेकिन सख्ती से निर्माण नहीं रुकवाया। इसे ध्वस्त करने का आदेश भी नहीं पारित किया और न गिरवाया। बिना पुरातत्व विभाग की एनओसी के नक्शा जरुर पास कर दिया था।  

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