मथुरा को हिला देने वाली घटना की आई रिपोर्ट: सुसाइड नहीं, बुलियन कारोबारी की परिवार सहित हुई थी हत्या
01 जनवरी 2020 को मथुरा के बहुचर्चित बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस सनसनीखेज मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा की रिपोर्ट से पुलिस...

01 जनवरी 2020 को मथुरा के बहुचर्चित बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस सनसनीखेज मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा की रिपोर्ट से पुलिस महकमा हिल गया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में साफ लिखा है कि घटना आत्महत्या नहीं थी। कार में एक नहीं दो पिस्टल से गोलियां चली थीं। कार में चार खोखे मिले थे। तीन गोलियां नीरज की लाइसेंसी पिस्टल से चली थीं। चौथी गोली किसी दूसरे हथियार से चली थी। इधर, पिछले साढ़े छह माह से चारों की मौत को सुसाइड मानकर मथुरा पुलिस चैन की नींद सो रही थी।
इस संगीन मामले की तह तक पहुंचने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा की टीम को मौके पर बुलाया गया था। छानबीन के दौरान पुलिस को गाड़ी के अंदर से एक लाइसेंसी पिस्टल मिली थी। जो नीरज अग्रवाल की थी। 31 दिसंबर की रात वह परिवार सहित गाड़ी से जगन्नाथपुरी, मथुरा से मयूर विहार दिल्ली जाने के लिए निकले थे। अब फारेंसिक रिपोर्ट आने के बाद यह जानने की कोशिश शुरू कर दी गई है कि वास्तव में हुआ क्या था।
ये था सनसनीखेज घटनाक्रम
एक जनवरी 2020 की सुबह मथुरा के जमुनापार थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे अंडरपास के नीचे एक कार खड़ी मिली थी। उसमें बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल (40) उनकी पत्नी नेहा (38) व बेटी धन्या (06) की रक्तरंजित लाश मिली थी। जबकि 11 वर्षीय बेटा शौर्य बेहोशी की हालत में मिला था। उसके सिर में गोली मारी गई थी। इलाज के दौरान चार दिन बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। उस समय मथुरा पुलिस ने घटना को सामूहिक आत्महत्या करार दिया था।
यूं हुई दाखिल दफ्तर करने की कोशिश
पुलिस का कहना था कि नोटबंदी के समय करोड़ों का कालाधन इधर-उधर किया गया था। बुलियन कारोबारी नीरज का नाम तीन सौ करोड़ की हेराफेरी में भी सामने आया था। नोटबंदी में बुलियन कारोबार से करोड़ों की ब्लैक मनी को व्हाइट करने का उस पर आरोप लगा था। आयकर, वाणिज्यकर और प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने उसके यहां छापे मारे थे। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने दबी जुबान से मामला एमसीएक्स में मोटे घाटे का भी बताया था।
परिवार का आखिरी चिराग भी बुझा
नीरज अग्रवाल के साले अमित अग्रवाल ने थाना जमुनापार में मनीष चतुर्वेदी, आशीष चतुर्वेदी, आशीष अरोड़ा, नीरज कुमार आदि के खिलाफ इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। नीरज अग्रवाल आरएस बुलियन कंपनी के मालिक थे। घटना में उनके परिवार का आखिरी चिराग तक बुझ गया था। इस सनसनीखेज घटनाक्रम से मथुरा ही नहीं आसपास का सराफा कारोबार काफी दिनों तक हिला रहा।
सवालों के घेरे में आ गई सुसाइड मिस्ट्री
-विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर क्राइम सीन दोहराया था। गाड़ी में मिली पिस्टल को बैलिस्टिक जांच के लिए भेजा गया था। घटनास्थल पर कार के अंदर चार खोखे मिले थे।
-बैलिस्टिक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि गाड़ी से चार खोखे मिले थे। जांच में तीन गोलियां मौके पर मिली पिस्टल से चलने की पुष्टि हुई है। वहीं चौथी गोली किसी दूसरे हथियार से चली थी।
-गाड़ी में एक हथियार मिला। जबकि फायरिंग दो हथियार से हुई थी। इसका मतलब गोली किसी और ने भी चलाई। परिवार के सभी सदस्य मर गए तो गोली चलाने वाला वो शख्स आखिर कौन था?
-फॉरेंसिक वैज्ञानिकों को क्राइम सीन दोहराने के दौरान पूरी गाड़ी में अंदर-बाहर छानबीन की। घटना के समय गाड़ी की फोटो लीं। टीम को पिछले दरवाजे पर पहिए के पास खून के निशान मिले।
-इस खून के निशान से सवाल खड़े हो गए कि जब घटना कार के अंदर ही हुई और कोई बाहर नहीं निकला तो फिर कार के बाहरी हिस्से पर खून कैसे लगा। इसका मतलब कोई बाहर निकला था।
-गोली लगने पर आदमी छटपटाता है। ऐसी स्थिति में शव अधिक क्षेत्रफल घेरता है। नीरज का शव सीट पर मिला। दोनों पैर ऊपर की तरफ मुड़े थे। ऐसा तभी संभव है जब कोई शव से छेड़छाड़ करे।
-नीरज के गोली उल्टी तरफ से कनपटी में घुसी और सीधी तरफ से बाहर निकल गई। छानबीन में टीम को पता लगा कि नीरज सीधे हाथ का प्रयोग करता था। फिर गोली उल्टे हाथ से कैसे चली?
-नीरज की कनपटी पर जो जख्म था उसमें टटोइंग (बारुद के कण) नहीं थे। यह तभी संभव है जब गोली तीन फीट से अधिक दूरी से चलाई जाए। ऐसी स्थिति में आत्महत्या का प्रश्न नहीं उठता।
-नीरज की कनपटी पर लगी गोली पार निकल गई थी। जो कार के ड्राइविंग सीट के बराबर वाले दरवाजे के ऊपर जा धंसी थी। इससे भी संभावना बलवती होती है कि गोली दूर से ही मारी गई थी।
केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला जा सकता मामला
इस सनसनीखेज वारदात में मथुरा पुलिस ने स्टेट मेडिको लीगल ऑफीसर ग्यासुद्दीन खान की भी राय ली थी। उनकी राय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बिल्कुल उलट है। इसलिए एसएसपी मथुरा चाहते हैं कि अब इस मामले में केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों की राय भी ली जाए। इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की है।
-मेडिको लीगल ऑफीसर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह मामला आत्महत्या का है। नीरज की कनपटी पर गोली नाल सटाकर मारी गई थी। इसलिए टटोइंग नहीं आई।
-नीरज के परिवार के अन्य सदस्यों को गोली नजदीक से मारी गई मगर नाल नहीं सटाई गई थी। इसलिए उनके बर्निंग, ब्लैकनिंग और टटोइंग तीनों ही मिले हैं।
-जिस कार में चारों मिले, उसको बाहर से सेंट्रल लॉक तभी करना संभव है जब कार की चाबी किसी के पास हो। जबकि ऐसी जानकारी पुलिस को नहीं हुई।
-नीरज की कनपटी पर गोली सीधी तरफ से घुसकर उल्टी तरफ से पार निकली। उसके बाद गोली सामने वाले कार के दरवाजे के पास जा घुसी।
पुलिस ने कराई थी वीडियोग्राफी
पुलिस ने कारोबारी परिवार के मृतकों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई थी। यह वीडियोग्राफी विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नहीं दी गई थी। रिपोर्ट में एक जगह वीडियोग्राफी का भी जिक्र है। इस जिक्र के पीछे क्या वजह है। यह जानने के लिए उनसे पत्राचार किया गया है।
मथुरा में बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल और उनके परिवार की मौत की गुत्थी अभी उलझी हुई है। एसएसपी मथुरा से बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला और स्टेट मेडिको लीगल ऑफीसर की रिपोर्ट में विरोधाभास है। मामला सुलझने के बजाय उलझ गया है। ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। इस पर मंथन चल रहा है।- ए सतीश गणेश, आईजी रेंज, आगरा
परिजन बोले-प्रोफेशनल हत्यारे ने की चारों की हत्या
बुलियन कारोबारी नीरज अग्रवाल और उनके परिवार की मौत के मामले को सात माह होने जा रहे हैं लेकिन पुलिस अभी तक सुसाइड पर घूम रही है। पुलिस छानबीन में पता चला कि नीरज की कनपटी, उसकी पत्नी नेहा के गोली सामने से मारी गई थी। छह वर्ष की बेटी धान्या के सीधी आंख के ऊपर गोली मारी गई थी।
नीरज के ससुरालीजनों का कहना है कि रात 11 बजे वह घर से परिवार के साथ निकला है, सब कुछ सही था। रात में उससे रुकने को कहा गया लेकिन उसने कहा कि बच्ची के स्कूल में कार्यक्रम है, सुबह वहां जाना है। परिजनों का कहना था कि पूरा हत्याकांड किसी प्रोफेशनल हत्यारे ने अंजाम दिया है। जिस तरह से सभी को गोली मारी गई हैं, वह इस बात की ओर इंगित करता है कि हत्यारा शार्प शूटर होगा। नीरज, उसकी पत्नी, बेटा और बेटी सभी के सिर पर गोली लगी हैं।
एक दिन जरूर होगा खुलासा
नीरज के साले अमित अग्रवाल ने कहा कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है। उन्होंने सवाल किया कि अगर नीरज को परिवार के साथ आत्महत्या करनी होती तो उन्हें यहां आने और एक्सप्रेस वे से नीचे उतरकर जाने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों पर नीरज के पैसे थे। यही उनकी हत्या का कारण बना। अमित ने कहा कि नीरज की हत्या की गई थी और एक दिन इसका खुलासा जरूर होगा।
ब्लैकमनी व्हाइट करने का था आरोप
नोटबंदी के दौरान बुलियन कारोबारी नीरज ने दर्जनों व्यापारियों के दो नंबर के पैसे को एक नंबर में करने के लिए काफी बड़ी मात्रा में सोने की खरीद की थी। इसके लिए व्यापारी ने कई खातों का प्रयोग किया था। इसकी शिकायत हुई तो वाणिज्य विभाग और आयकर विभाग की टीमों ने सभी खातों को खंगालना शुरू कर दिया। इसमें व्यापारी पर करोड़ों रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया था। बुलियन व्यापारी की जांच करने को दिल्ली से ईडी की भी एक टीम मथुरा आई थी। लेनदेन के मामले को लेकर नीरज और उनके साथियों में आपस में ठन गयी थी और एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए थे।
पुलिस ने नहीं खोजे इन सवालों के जवाब
1-नीरज को हमले का अंदेशा था, इसीलिए वह मथुरा छोड़कर अन्यत्र रह रहा था। वह कहां रह रहा है, इसकी जानकारी उसके कुछ गिने चुने लोगों को ही थी। जहां कार मिली थी, वह जगह एक्सप्रेस वे से उतरने के बाद करीब चार किलोमीटर दूर है। अगर उसे परिजनों सहित आत्महत्या करनी थी तो वह एक्सप्रेस वे पर ही किनारे लगाकर या एक्सप्रेस वे से उतरने के बाद कुछ ही दूरी पर यह कदम उठा सकता था।
2-कार का गेट लॉक होने से यह नहीं माना जा सकता कि बाहरी व्यक्ति का इसमें हाथ नहीं हो सकता। हत्या करने के बाद भी कार को अंदर से लॉक कर गेट को बाहर से बंद किया जा सकता है।
3-सवाल यह भी है कि अगर नीरज ड्राइविंग कर रहा था तो उसके बराबर की सीट खाली क्यों थी? जबकि ड्राइविंग के बराबर वाली सीट पर या तो पत्नी बैठती या कोई बच्चा बैठा होता। लेकिन तीनों के शव पीछे की सीट पर मिले। ऐसे में संभावना बनती है कि गाड़ी में कोई और भी था, जो नीरज के साथ आगे की सीट पर था।
इस मामले में अभी जांच चल रही है। कुछ रिपोर्ट आई हैं। अभी कुछ और जांच की जा रही हैं। मामला आत्महत्या का है या हत्या का, पुलिस छानबीन जारी है। पुलिस जल्द ही जांच पूरी करके मामले का खुलासा कर देगी।- डॉ गौरव ग्रोवर, एसएसपी, मथुरा
