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महिला डॉक्‍टर ने दो घंटे तक झेली भयानक दहशत, दो खातों में ट्रांसफर किए दो लाख

आगरा कमिश्नरेट में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला साइबर सेल तक पहुंचा है। सिकंदरा क्षेत्र निवासी एक महिला डॉक्टर को 2 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। उन्हें वीडियो कॉल काटने नहीं दिया गया।

महिला डॉक्‍टर ने दो घंटे तक झेली भयानक दहशत, दो खातों में ट्रांसफर किए दो लाख
Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, आगराTue, 30 July 2024 02:30 AM
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आगरा कमिश्नरेट में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला साइबर सेल तक पहुंचा है। सिकंदरा क्षेत्र निवासी एक महिला डॉक्टर को दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। उन्हें वीडियो कॉल काटने नहीं दिया गया। वारंट जारी करके तत्काल गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। दहशत में आई महिला डॉक्टर से दो खातों में दो लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए।

घटना 26 जुलाई की है। पीड़ित महिला डॉक्टर सिकंदरा क्षेत्र स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल में रहती हैं। उनके पास पहले एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी का अधिकारी बताया। महिला डॉक्टर से कहा कि उनका खाता मनी लांड्रिग के एक केस में रडार पर आया है। उनकी जांच चल रही है। जांच में सहयोग नहीं किया तो उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। इस मामले को गोपनीय रखें। फोन करने वाले ने महिला डॉक्टर को उनका नाम और आधार नंबर भी बताया। उसके बाद उनसे कहा कि अब उन्हें वीडियो कॉल पर लिया जाएगा। जांच एजेंसी के अधिकारी उनसे बातचीत करेंगे। उनके सवालों के जवाब देना। फोन नहीं काटना। फोन काटा तो यह माना जाएगा कि आप जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं। मनी लांड्रिंग के केस में शामिल हैं।

इसके बाद उनके पास वीडियो कॉल आया। कॉल में कुछ लोग पुलिस की वर्दी में दिख रहे थे। ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी पुलिस अधिकारी के कार्यालय से फोन आया है। वह घबरा गईं। एक-एक करके उनसे कई लोगों ने बातचीत की। उनसे कहा गया कि आपने खाते से संबंधित जानकारी दें। जो भी ऑन लाइन ट्रांजक्शन किए हैं उनके बारे में बताएं। खाते में जितनी भी रकम है उसे बताएं, खाता नंबर में ट्रांसफर करें। यह रकम जांच के बाद वापस कर दी जाएगी। साइबर शातिर जैसा कहते गए दहशत में आईं महिला डॉक्टर ने वैसा ही किया। दो खातों में दो लाख रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी।

करीब दो घंटे तक उन्हें कमरे से हिलने नहीं दिया गया। उन्हें एक ही जगह बैठाए रखा गया। साइबर शातिर वीडियो कॉल पर बने रहे। जब भी वह उठने का प्रयास करतीं उन्हें धमकाया जाता। कहा जाता कि एक ही जगह रहें। कमरे से बाहर जाने का प्रयास नहीं करें। ऐसा किया तो समझ जाएगा कि वह भागने की कोशिश कर रही हैं। कुछ ही देर में पुलिस उन्हें पकड़ लेगी। वारंट तत्काल जारी होगा।

ऑन लाइन दर्ज कराई शिकायत
पीड़िता ने 26 जुलाई को ही घटना के बाद ऑन लाइन शिकायत दर्ज कराई थी। इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि घटना जानकारी में आई है। साइबर क्राइम को जांच के लिए प्रार्थना पत्र भेजा गया है। थाने में भी सूचना दी गई थी।

डिजिटल हाउस अरेस्ट
साइबर अपराधी हाईटेक हो गए हैं। साइबर क्राइम का नया अंदाज है। इसमें सामने वाले वीडियो कॉल पर उलझाकर रखा जाता है। उसे यह दिखाया जाता है कि उसके खिलाफ लगे आरोपों की जांच चल रही है। उसने वीडियो कॉल काटी या घर से बाहर निकलने का प्रयास तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वीडियो कॉल पर अलग-अलग लोगों से बता कराई जाती है।

बात करने वाले खुद को अधिकारी दिखाते हैं। उनके आसपास वर्दी में पुलिस कर्मी खड़े दिखाई देते हैं। ताकि फोन पर बात करने वाले को लगे कि वास्तव में किसी अधिकारी का फोन है। साइबर अपराधी कभी सीबीआई तो कभी ईडी, कस्टम, नारकोटिक्स ब्यूरो आदि के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं।

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