हादसे में लहूलुहान पिता की जुबां पर आखिरी सांस तक था बस एक सवाल, 'मेरा बेटा ठीक है न'
बीएचयू से इलाज कराकर घर लौट रहे पिता-पुत्र की बाइक को किसी अज्ञात वाहन ने बलिया में टक्कर मार दी। पिता-पुत्र दोनों बुरी तरह घायल हो गए। आसपास के लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया जहां कुछ...
बीएचयू से इलाज कराकर घर लौट रहे पिता-पुत्र की बाइक को किसी अज्ञात वाहन ने बलिया में टक्कर मार दी। पिता-पुत्र दोनों बुरी तरह घायल हो गए। आसपास के लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया जहां कुछ देर बाद पिता की मौत हो गई। लेकिन इसके पहले आखिरी सांस तक पिता की जुबां पर बस एक ही सवाल था, 'मेरा बेटा ठीक है न।'
लोगों का कहना है कि घायल होने के बाद से आखिरी सांस तक पिता बस यही सवाल करते रहे। देवरिया के भाटपार रानी थाना क्षेत्र के भरौली निवासी 45 वर्षीय अनिल ओझा अपने पुत्र 20 वर्षीय सूर्यप्रकाश ओझा का इलाज कराने वाराणसी गये थे। रात में दोनों पिता-पुत्र बाइक से घर लौट रहे थे। बताया जाता है कि रात करीब 10 बजे वह रसड़ा-कासिमाबाद मार्ग पर इलाके के सरदासपुर गांव के पास किसी वाहन (अज्ञात) ने टक्कर मार दी।
हादसे में पिता-पुत्र दोनों गंभीर रुप से घायल हो गये। दुर्घटना के बाद पहुंचे आसपास के लोगों ने दोनों घायलों को स्थानीय सीएचसी पर पहुंचाया। अस्पताल के चिकित्सकों ने जांच के बाद अनिल को मृत घोषित कर दिया, तथा सूर्यप्रकाश को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। खबर पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जा में लेने के साथ ही घायल को सदर अस्पताल भेजवाया। पुलिस ने इस मामले से अनिल के परिजनों को अवगत कराया। जानकारी होते ही गांव-घर के लोग पहुंच गये।
सूर्यप्रकाश ने बताया कि उसका इलाज बीएचयू में चल रहा था। हालांकि लॉकडाउन के चलते से वह काफी दिनों से वाराणसी नहीं जा सका था। मंगलवार की सुबह पिता अनिल अपने बेटे को बाइक से लेकर बीएचयू गये। डॉक्टर को दिखाने व दवा लेने के बाद वह सूर्यप्रकाश को लेकर रात में वापस लौट रहे थे कि रास्ते में यह घटना हो गयी।
कोई पहचान नहीं लेकिन गमगीन हैं घटनास्थल के लोग
रसड़ा के सरदासपुर में चा रपहिया वाहन की चपेट में आकर पिता की मौत और पुत्र के घायल होने से लोग गमगीन है। भले ही दोनों से लोगों की जान-पहचान नहीं थी, लेकिन अंतिम सांस तक वह ग्रामीणों से अपने बेटे की कुशलता पूछते रहे। घटना के बाद पहुंचे लोगों के मुताबिक सड़क हादसे में घायल अनिल मौके पर मौजूद लोगों से सिर्फ अपने बेटे सूर्यप्रकाश के बारे में ही पूछ रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो वह ग्रामीणों से बातचीत में सिर्फ यही कह रहे थे कि हमारा बाबू ठीक है न। यही सवाल करते उनकी सांस थम गई। घायलावस्था में अस्पताल पहुंचे सूर्यप्रकाश भी अपने पिता के बारें में डॉक्टर व फार्मासिस्ट से पूछता रहा। इलाज के दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने सूर्यप्रकाश को बताया कि उसके पिता अनिल बिल्कुल ठीक हैं तथा वह बाहर बैठे हैं।