भाई का बर्थ-डे केक लाने में हुई देरी तो पिता ने बेटी को चप्पलों से पीटा, गिरफ्तार
यूपी के कानपुर में नशे की हालत में एक पिता ने अपनी बेटी को चप्पलों से पीटा। बेबस मां की तहरीर पर पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। पहले बिधनू पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन चप्पलों से...
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यूपी के कानपुर में नशे की हालत में एक पिता ने अपनी बेटी को चप्पलों से पीटा। बेबस मां की तहरीर पर पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। पहले बिधनू पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन चप्पलों से पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस बैकफुट में आ गई। देर रात पीड़िता की मां की तहरीर पर पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। एडीजी जोन ने बिधनू थाने से पूरी रिपोर्ट मांगी है।
घटना गोपाल नगर बिधनू की है। आरोपित पिता राजेन्द्र शुक्ला को वीडियो में अपनी बेटी को चप्पल से मारते हुए देखा गया। इतना ही नहीं, वीडियो में वह अपनी बेटी के चरित्र पर भी दोषारोपण कर रहा है। वीडियो में मार खाने वाली बेटी इतना प्रताड़ित महसूस कर रही है कि वह अपने पिता से बार-बार और मारने के लिए कह रही है। वीडियो पीड़ित लड़की का भाई बना रहा है, जो अपने पिता से कह रहा है कि मारो और मारो, कल बताएंगे। पीटने के बाद नशे में धुत पिता बिस्तर पर बेटी के पास बैठ जाता है और पत्नी को बुला रहा है। पत्नी यह कहते हुए आने से मना कर देती है कि मार डालो बेटी को। जो करना है कर लो। पीड़िता की मां ने बताया कि जिस दिन बेटी को बेरहमी से मारा गया, उसके छोटे भाई का जन्मदिन था। केक लाने में देरी हो गई तो पति ने इतनी बेरहमी से पीट दिया।
पुलिस सुन लेती तो यह नौबत न आती
इस घटना को लेकर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट और कानपुर आउटर पुलिस दोनों ही कठघरे में खड़े हो गए हैं। पीड़िता की मां ने कहा कि इससे पहले भी राजेन्द्र ने बेटी को बेरहमी से पीटा था। दो बार नौबस्ता थाने में शिकायत की थी। पीआरवी से पुलिस आई मगर वह आरोपित राजेन्द्र की तरफ से ही बोलने लगी। पीड़िता की मां ने कहा कि बिधनू थाने में मंगलवार सुबह तहरीर दी गई थी मगर वहां कुछ सुनवाई नहीं हुई। देर शाम एकाएक बिधनू थाने से फोन आया कि आकर एफआईआर कॉपी ले जाए। इतना होने के बावजूद बिधनू पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में खेल किया। पुलिस ने पीड़िता की मां की तहरीर पर धारा 323 (मारपीट), धारा 504, 506 (जान से मारने की धमकी देना) और धारा 342 ( जबरन प्रतिबंधित करना) की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। जबकि मां के मुताबिक उनकी बेटी की उम्र 15 साल है। पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट नहीं लगाया है।
एडीजी जोन भानु भाष्कर ने बताया, मामले में पीड़िता के नाबालिग होने की बात सामने आई है। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की है मगर मां के आरोपों के अनुसार पॉक्सो लगाना चाहिए था। थाना पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि यदि तहरीर में यह तथ्य नहीं है तो वह मां के बयान दर्ज करे अगर वह बदसलूकी की बात कहती है तो इसमें पॉक्सो एक्ट बढ़ाने के लिए कहा गया है।