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यूपी: बकाया गन्ना मूल्य के लिए हंगामा, चीनी मिलों के खिलाफ फूटा गुस्सा

मेरठ परिक्षेत्र की गन्ना सुरक्षण बैठक में बकाया गन्ना मूल्य के लिए कई बार हंगामा हुआ। गन्ना किसानों और गन्ना समितियों के पदाधिकारियों से लेकर मेरठ मंडल के विधायकों तक ने चीनी मिलों के रवैये के खिलाफ...

यूपी: बकाया गन्ना मूल्य के लिए हंगामा, चीनी मिलों के खिलाफ फूटा गुस्सा
लखनऊ, प्रमुख संवाददाताWed, 12 Sep 2018 07:40 PM
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मेरठ परिक्षेत्र की गन्ना सुरक्षण बैठक में बकाया गन्ना मूल्य के लिए कई बार हंगामा हुआ। गन्ना किसानों और गन्ना समितियों के पदाधिकारियों से लेकर मेरठ मंडल के विधायकों तक ने चीनी मिलों के रवैये के खिलाफ गुस्सा जताते हुए किसानों की सुविधा के अनुसार गन्ना क्रय केंद्र तय करने की मांग की। गन्ना सुरक्षण बैठक मेरठ के बजाए लखनऊ में कराने पर भी सख्त एतराज जताया गया।

लखनऊ में डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान के सभागार में बुधवार को आयोजित यह बैठक शुरुआत होते ही हंगामे भी भेंट चढ़ गई। गन्ना समिति मलियाना मेरठ के अध्यक्ष एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख बिजेन्द्र सिंह ने पिछली बैठक में दिए आश्वासन की याद दिलाते हुए इस बार भी गन्ना सुरक्षण बैठक लखनऊ में बुलाने पर विरोध जताया। इसके साथ ही उन्होंने बकाया गन्ना मूल्य का मुद्दा भी उठा दिया। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में किसानों के एतराज के बाद गन्ना आयुक्त ने आश्वासन दिया था कि अगली बार मंडलों में ही बैठकें कराई जाएंगी लेकिन इस बार भी सत्र 2018-19 पेराई सत्र की बैठक भी लखनऊ में ही बुला ली गई। इन दोनों मुद्दों पर किसान नारेबाजी करने लगे और बैठक का बहिष्कार किए जाने का माहौल बनने लगा। इस समय तक गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी बैठक में नहीं पहुंच पाए थे, गन्ना किसानों ने इसे भी मुद्दा बना दिया। स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलते ही 10 मिनट के अंदर गन्ना आयुक्त सभागार में आ गए। उन्होंने बड़ी मुश्किल से किसानों को समझा-बुझाकर मनाया।

बैठक में मेरठ जिले की 6, बागपत जिले की 3, गाजियाबाद व हापुड़ जिले की 3 तथा बुलंदशहर की चार चीनी मिलों के लिए गन्ना आरक्षित किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। बदली हुई व्यवस्था के तहत इस बार गन्ना क्रय केंद्र निर्धारण के प्रस्ताव गन्ना विकास समितियों की आमसभा से पास होकर आए हैं। इन प्रस्तावों पर चीनी मिलों के सुझाव लेने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाना है। बैठक में गन्ना किसानों की राय भी ली जाती है।

गन्ना किसानों ने चीनी मिलों के बकाया भुगतान की स्थिति के आधार पर उनके लिए गन्ना क्षेत्रों के आरक्षण के मुद्दे पर अपनी राय दी। कई किसानों ने अपने गांवों का गन्ना क्षेत्र दूसरी चीनी मिलों को आवंटित करने की मांग की।

मिलों की बजाय किसानों की सुनी जाए
बैठक में आए विधायकों ने गन्ना आयुक्त से किसानों की मांग को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया। गढ़ के विधायक कमल मलिक ने मेरठ में कराए जाने की किसानों की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि क्रय केंद्रों की समस्या है, गन्ना बहुत है। क्रय केंद्र निर्धारण में मिल मालिकों की ही चलती है, हमारी बात नहीं सुनी जाती है। हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटिक ने गन्ना आयुक्त के कामकाज की तारीफ की और मांग की कि जो क्रय केंद्र बनाए जाएं, वे तीन दिन के अंदर शुरू करा दिए जाएं। किठौर के विधायक सत्यवीर त्यागी ने गन्ने की पैदावार दोगुनी करने के लिए किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है, वह जहां चाहता है वहां गन्ना क्रय केंद्र दिया जाए। मिलों के दबाव में कोई काम न हो।

सितंबर में ही हो जाएगा भुगतान
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने कहा कि चीनी फेडरेशन की मिलों का बकाया गन्ना मूल्य इस माह के अंत कर दिया जाएगा। कैबिनेट ने अनूपुरक बजट में इसके लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया है। अगली बैठक में अनुमोदन हो जाएगा। अगली कैबिनेट बैठक होने के 10-12 दिन बाद भुगतान हो जाएगा। इससे पहले विधायक कमल मलिक ने भी कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है। इसी माह भुगतान हो जाएगा। इसी बीच कुछ किसानों की टीका-टिप्पणी पर विधायक गुस्से में आ गए, जिस पर किसान नारेबाजी भी करने लगे। इस पर विधायक ने कहा कि जो मिलें भुगतान नहीं करेंगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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