कृषि कानूनों के विरोध और दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने के समर्थन में मेरठ के रोहटा व चिंदौड़ी के किसानों ने गेहूं की 15 बीघा खड़ी फसल जोत डाली। सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। किसानों ने ऐलान किया कि यदि इसी तरह से आंदोलन को नअरअंदाज किया गया तो विरोध को और तेज किया जाएगा। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने इस बात की जानकारी होने से इंकार किया है। इससे पहले बिजनौर में किसान ने अपनी फसल जोत डाली थी।
दिल्ली बॉर्डर पर करीब तीन माह से वेस्ट यूपी समेत पंजाब, हरियाणा और अन्य जगहों से आए किसान धरने पर बैठे हैं। रोहटा और चिंदौड़ी गांव में मंगलवार को किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलनकारियों की सुनवाई नहीं कर रही। ऐसे में विरोध का नया तरीका अपना लिया।
इसके तहत, रोहटा में एक किसान राजीव पुत्र ब्रजपाल और चिंदौड़ी गांव में किसान नीटू पुत्र इंद्रपाल ने कुल 15 बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। राजीव ने करीब 12, जबकि नीटू ने 3 बीघा फसल नष्ट कर दी। इस दौरान, नारेबाजी करते हुए ऐलान किया कि सरकार ने बात नहीं सुनी तो आगे भी इसी तरह विरोध जताया जाएगा। मौके पर राजीव प्रधान, प्रदीप चौहान, दीपक, प्रवीण, शेखर, विनीत, नितिन, विक्की, मोंटी व पप्पू आदि किसान मौजूद रहे।
बिजनौर में छह बीघा गेंहू की फसल पर चलाई ट्रैक्टर
बिजनौर में चांदपुर के गांव कुलचाना निवासी किसान सोहित ने छह बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर जोत डाली। किसान सोहित का कहना है कि सरकार किसान की सुनने को तैयार नहीं है। कृषि बिलों के विरोध में फसल जोत दी है। किसान ने कहा कि अब वह दिल्ली आंदोलन में जाएगा। गांव कुलचाना निवासी संजीव कुमार के पुत्र सोहित कुमार ने शनिवार की सुबह अपने छह बीघे के खेत में खड़ी गेहूं की फसल ट्रैक्टर से जोतकर नष्ट कर दी है। सवेरे ही अपने ट्रैक्टर को लेकर जंगल गया और खेत में खड़ी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया। फसल जोतते हुए वीडियो बनाई और वायरल कर दी और यह मामला क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बन गया। क्षेत्र में किसान इसे लेकर तरह तरह की बात कर रहे थे। किसान सोहित ने बताया कि उसने अपने छह बीघे के खेत में खड़ी गेहूं की फसल को जोत दिया है। अब वह गेहूं को बेचेंगे नहीं सिर्फ खाने के लिए पैदा करेंगे। किसान सोहित का कहना है कि दिल्ली में पिछले काफी लम्बे समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है। सरकार कृषि बिलों को वापस लेने को तैयार नहीं है। अब अपनी फसल को जोतकर दिल्ली आंदोलन में जाएंगे।