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सीएएफ के जवान का शव पहुंचा गांव, परिजनों ने लेने से किया इनकार

क्षेत्र के मदनपुर गांव निवासी सीएएफ जवान वकील बिंद का शव शनिवार की रात करीब पौने आठ बजे गांव पहुंचा। परिजनों द्वारा शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया गया। एडीएम व सीओ...

सीएएफ के जवान का शव पहुंचा गांव, परिजनों ने लेने से किया इनकार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली।Sun, 18 Nov 2018 11:46 AM
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क्षेत्र के मदनपुर गांव निवासी सीएएफ जवान वकील बिंद का शव शनिवार की रात करीब पौने आठ बजे गांव पहुंचा। परिजनों द्वारा शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शव लेने से इनकार कर दिया गया। एडीएम व सीओ ज्ञानपुर के लाख समझाने के बाद भी वे देर रात तक नहीं माने। उधर, शव आने की खबर मिलते ही गांव में बड़ी तादात में लोग पहुंचे। घटना के तीन दिन बाद भी दरवाजे पर किसी आला अधिकारी के न आने पर लोगों में आक्रोश देखा गया।

बता दें कि गोपीगंज थाना क्षेत्र के मदनपुर गांव निवासी रामनाथ बिंद के बेटे वकील कुमार बिंद वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) में भर्ती हुए थे। उनके साथ नौकरी करने वाले गांव के अन्य साथियों के अनुसार गुरुवार को वह बाइक से बिना वर्दी के कहीं गए थे। खोजबीन के दौरान दंतेवाड़ा में सड़क किनारे बाइक व उनका शव मिला। उनके मुंह में कपड़ा बांधा गया था। ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि कहीं नक्सलियों ने तो हत्या नहीं की। इस बात की भी चर्चा है कि सड़क हादसे अथवा किसी के द्वारा उनकी हत्या की गई होगी। बहरहाल, यह जांच का विषय है। इस बीच, शनिवार की रात शव एंबुलेंस से घर पहुंचने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी सीमा, भाई शिवचंद, पिता समेत पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। आसपास के गांवों से भी बड़ी तादाद लोग पहुंचे। परिवार ने शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। जिसके बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। देर रात तक उन्हें मनाने का क्रम चलता रहा, लेकिन सफलता नहीं मिली।

 

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