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फर्जी शिक्षक : अनामिका शुक्ला से कम नहीं आगरा की सुविधा, 9 साल की नौकरी, 60 लाख से ज्यादा वेतन उठाया

बेसिक शिक्षा विभाग में न जाने कितने नटवरलाल विभाग को चूना लगा रहे हैं। शिक्षा विभाग सारे सबूत होने के बाद भी अनजान बना हुआ है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी भी कर रहे हैं। अनामिका...

फर्जी शिक्षक : अनामिका शुक्ला से कम नहीं आगरा की सुविधा, 9 साल की नौकरी, 60 लाख से ज्यादा वेतन उठाया
कार्यालय संवाददाता, आगरा। Fri, 12 Jun 2020 11:26 AM
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बेसिक शिक्षा विभाग में न जाने कितने नटवरलाल विभाग को चूना लगा रहे हैं। शिक्षा विभाग सारे सबूत होने के बाद भी अनजान बना हुआ है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी भी कर रहे हैं।

अनामिका शुक्ला जैसे एक नहीं कई मामले विभाग में हैं। आगरा में ही सुविधा को विभाग विगत नौ साल से वेतन दे रहा है। जांच विठाने के बाद सैलरी भी आ रही है। विशिष्ट बीटीसी करने वाले, जिनकी नौकरी नहीं लगी है वे भी अपने दस्तावेजों को धड़ल्ले से किराए पर उठा रहे हैं। जिनका पूरा ब्योरा विभाग के पास रहता है।

पिनहट के पुरा जवाहर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी करने वाली सुविधा ने नौ साल तक फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर ली। इस दौरान उसके 60 लाख से ज्यादा वेतन भी उठाया। सुविधा 6 साल फिरोजाबाद में तैनात रही, इसके बाद आगरा आ गई। विभाग ने 2018 में एसआईटी जांच बिठाई तो गायब हो गई। फिर भी मानव संपदा पोर्टल पर फीडिंग हो रही है।

जिले में 135 कॉलेज हैं। परीक्षा नियामक को डाटा भेज दिया है। साथ ही प्रमाण पत्र किराए पर देने का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर शिकायत आती है, तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। सभी कॉलेजों को नियमानुसार मान्यता मिली है। - डॉ. अहिबरन सिंह

डायट प्राचार्य मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कराई जाएगी। बाकी फर्जीवाड़े में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित है। - राजीव कुमार यादव, बीएसए

सस्पेंड अध्यापकों के खिलाफ अभी तक एफआईआर नहीं
ऐसे ही प्रकरण में अछनेरा, पिनाहट और निबोहरा में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने फर्जी दस्तावेजों की शिकायतों पर चार शिक्षकों को बर्खास्त किया था, लेकिन अभी तक किसी के खिलाफ एफआईआर नहीं हुई। क्योंकि विभाग ने काउंटर ही नहीं भरा, फर्जी शिक्षक स्टे ले आए। धड़ल्ले से नौकरी कर रहे हैं। परीक्षा नियामक द्वारा स्टाफ का डाटा मांगा गया, लेकिन अभी तक नहीं दिया गया।

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