फैक्ट चेकः काशी विश्वनाथ मंदिर में धोती-कुर्ता और साड़ी में ही आना होगा, लागू होगा ड्रेस कोड?
काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष की तरफ से शुक्रवार को ड्रेस कोड को लेकर कही गई बातों को काशी विश्वनाथ प्रबंधन ने उनके निजी बयान बताया है। यह भी कहा कि दर्शनार्थियों के लिए अभी कोई प्लान नहीं है।

देश के कई मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए ड्रेस कोड का पालन करना होता है। यूपी में भी पिछले दिनों कुछ मंदिरों ने अपने यहां ड्रेस को लेकर निर्देश जारी किए और इससे निर्देश मंदिर पर लगाए गए। अब काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड को लेकर चर्चा हो रही है। यहां दर्शन पूजन के लिए पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य करने की तैयारी हो रही है। यह कहना है कि मंदिर न्यास के अध्यक्ष का। हालांकि मंदिर प्रबंधन ने अब अध्यक्ष की बातों को उनका निजी विचार करार दिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में शुक्रवार की दोपहर एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। इसमें जनजातीय समूह के प्रतिनिधिमंडल के सम्मान और उनके दर्शन पूजन को लेकर जानकारी दी गई। इसी दौरान वहां मौजूद काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अन्य ज्योतिर्लिंग मंदिरों में यह व्यवस्था लागू है कि एक ड्रेस कोड के तहत ही लोग दर्शन करते हैं। ऐसी ही व्यवस्था श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी होनी चाहिए।
न्यास अध्यक्ष ने कहा कि उनका मानना है कि हमारे धर्म संस्कृति के अनुसार पहने जाने वाले कपड़ों के साथ ही आने वाले दिनों में मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाए. कहा कि पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी सनातन धर्म के हिसाब से सबसे उत्तम पहनावा माना जाता है। न्यास की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव रखने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा मंदिर में कार्य करने वाले कर्मचारी चाहे वह निशुल्क शास्त्री हों चाहे अन्य पुजारी, उनको एक व्यवस्थित और सम्मानजनक मानदेय देने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी मिलनी चाहिए. यह प्रस्ताव भी न्यास अपनी बैठक में रखेगा।
ड्रेस कोड की बातें अध्यक्ष के निजी विचारः मंदिर प्रबंधन
न्यास अध्यक्ष के ड्रेस कोड पर बयान मीडिया में सुर्खियां बना तो काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन ने इसे उनके निजी विचार करार दिया। प्रबंधन की तरफ से स्थिति स्पष्ट की गई और कहा गया कि काशी विश्वनाथ धाम में शुक्रवार की दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। इसमें कुछ समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में अध्यक्ष के बयानों के आधार पर काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की बात कही गई है।
प्रबंधन ने कहा कि अध्यक्ष के कथानुसार मंदिर में आने वाले श्रद्धालु शालीन कपड़े पहने लेकिन ड्रेस कोड का अभी कोई प्लान नहीं है। श्रद्धालुओं के ड्रेस पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड का कोई भी निर्णय नहीं लिया है। केवल अर्चकों के लिए दो सेट ड्रेस न्यास की तरफ से देने का निर्णय हुआ है, इसे लागू किया जा रहा है ताकि उनकी शोभा बढ़ सके। अध्यक्ष महोदय ने श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड की जो बातें आज प्रेस ब्रीफिंग के बाद कही हैं वे केवल उनके निजी विचार हैं।