Eid 2020 : ...इनकी ईद की खुशियों को लगी कोरोना की नजर, मां ठीक होकर घर पहुंची तो बेटी अस्पताल
ईद की खुशियों को कोरोना की नजर लग गई है। राजधानी लखनऊ के मौलवीगंज के परिवार में पहले मां को कोरोना हुआ। वह ठीक होकर घर पहुंची तो उनकी बेटी संक्रमण की गिरफ्त में आ गई। केजीएमयू के आईसोलेशन वार्ड में...
ईद की खुशियों को कोरोना की नजर लग गई है। राजधानी लखनऊ के मौलवीगंज के परिवार में पहले मां को कोरोना हुआ। वह ठीक होकर घर पहुंची तो उनकी बेटी संक्रमण की गिरफ्त में आ गई। केजीएमयू के आईसोलेशन वार्ड में अभी बेटी का इलाज चल रहा है। कोरोना की वजह से परिवार की ईद की तैयारियां धरी की धरी रह गईं।
मौलवीगंज के परिवार में चार सदस्य हैं। पिता की चिकमंडी के निकट दुकान है। पत्नी गृहणी हैं। बेटी ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बेटा हाईस्कूल में है। बेटे के मुताबिक ईद को खास बनाने की तैयारियां चल रही थी। तीन माह पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी। मां और बहन ने कई तरह के पकवान बनाने की योजना बनाई। पकवान में इस्तेमाल होने वाले सामान लाने की फरमाइश पिता से की थी। रोजे की शुरुआत हुई।
अचानक 12 मई को मां की तबीयत बिगड़ गई। पेट संबंधी परेशानी हुई। मां को आईटी कॉलेज के पास निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने कोरोना की जांच कराने की सलाह दी। प्राइवेट पैथोलॉजी की रिपोर्ट में मां कोरोना पॉजिटिव मिली। आनन-फानन 14 मई को मां को केजीएमयू में भर्ती कराया गया। 18 मई को उनकी पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई। दूसरी रिपोर्ट के लिए नमूना भेजा गया।
मां घर पहुंची, बहन अस्पताल
घर में खुशियों का माहौल फिर से बन गया। 19 मई को मां की दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई। इसी दौरान बहन की तबीयत बिगड़ गई। जांच कराई। आशंका और डर में 12 घंटे गुजारे। जिसका डर था वही हुआ। बहन में कोरोना वायरस मिले। एक तरफ मां डिस्चार्ज हुई। दूसरी तरफ बहन अस्पताल पहुंच गई। इस घटना ने ईद की खुशियों को फीका कर दिया। फिलहाल बहन अस्पताल में भर्ती है। बेटे ने बताया कि यह पहला मौका है जब घर में मैं अकेले रोजा हूं। इससे पहले बहन भी रोजे थीं। पिता डायबिटीज पीड़ित हैं। इसलिए वह डॉक्टर की सलाह पर ही रोजे रखते हैं।