ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News उत्तर प्रदेशसीएम योगी के प्रयास का असर, यूपी के सात नए मेडिकल कॉलेजों को मिला लेटर ऑफ परमीशन, इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई

सीएम योगी के प्रयास का असर, यूपी के सात नए मेडिकल कॉलेजों को मिला लेटर ऑफ परमीशन, इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई

योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन, नई दिल्ली की ओर से प्रदेश के 7 नए मेडिकल कॉलेजों में इसी सत्र (वर्ष 2024-25) से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने को लेकर हरी झंडी मिल गई है।

सीएम योगी के प्रयास का असर, यूपी के सात नए मेडिकल कॉलेजों को मिला लेटर ऑफ परमीशन, इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई
Dinesh Rathourविशेष संवाददाता,लखनऊWed, 31 Jul 2024 08:19 PM
ऐप पर पढ़ें

यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी के प्रयास से मेडिकल शिक्षा विभाग को बड़ा तोहफा मिला है। प्रदेश में 13 में से सात नये मेडिकल कॉलेजों को एनएमसी ने मान्यता दे दी है। कानपुर देहात और ललितपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों को छोड़ बाकी पांच को एमबीबीएस की 100-100 सीटें मिल गई हैं। इनमें बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत और सुलतानपुर के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इन सीटों पर मौजूदा शैक्षिक सत्र में प्रवेश हो सकेंगे। नीट यूजी की काउंसलिंग 14 अगस्त से प्रस्तावित हैं। एनएमसी ने पूर्व में सभी 13 मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने से इंकार कर दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की थी।

प्रदेश के 13 नये मेडिकल कॉलेजों पर सभी की निगाहें जमीं थीं। इनमें गोंडा, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, चंदौली, कौशांबी, सोनभद्र, बिजनौर, बुलंदशहर, कानपुर देहात, औरैया, कुशीनगर, ललितपुर और सुलतानपुर जिले के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। एनएमसी के नियमों में बदलाव के चलते यह पेंच फंसा था। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश पर इन कॉलेजों ने मान्यता न देने के एनएमसी के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। दो बार सुनवाई के बाद बुधवार को एनएमसी ने 13 में से सात कॉलेजों की मान्यता को हरी झंडी दे दी। इस फैसले से प्रदेश में एमबीबीएस की 600 सीटें बढ़ गई हैं, जिन पर नीट यूजी-2024 के सफल अभ्यर्थी इसी साल काउंसलिंग के जरिए प्रवेश ले सकेंगे। 

10,500 सीटों पर होगी काउंसलिंग

चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रदेश की 10,500 सरकारी और निजी क्षेत्री की सीटों पर प्रवेश की तैयारी में जुट गया है। इसमें 4550 सीटें सरकारी और 5600 निजी क्षेत्र की सीटें हैं। इसके अलावा पीपीपी मोड पर संचालित शामली, महाराजगंज को 100-100 और संभल के मेडिकल कॉलेज को 50 सीटों के लिए लेटर ऑफ परमीशन मिल चुका है। ऐसे में कुल 10500 एमबीबीएस सीटों पर काउंसलिंग कराई जाएगी।

एनएमसी के नियम बदलने से फंसा था पेंच

दरअसल, इन कॉलेजों की मान्यता फैकल्टी की कमी के चलते रुक गई थी। इसका कारण एनएमसी के नये नियम हैं, जिसमें एमबीबीएस के पहले ही वर्ष में पूरे पांच वर्ष की फैकल्टी की अनिवार्यता कर दी गई है। तब मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पुराने नियमों के आधार पर ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिए जाने का अनुरोध किया था। बता दें कि इन स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार ने दी है। फैकल्टी की कमी पूरी करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से संविदा पर भर्ती किए जाने वाले मेडिकल चिकित्सकों का मानदेय भी बढ़ाया गया।

इन कॉलेजों को मिलीं इतनी एमबीबीएस सीटें

  • बिजनौर-100
  • बुलंदशहर-100
  • कानपुर देहात-50
  • कुशीनगर-100
  • ललितपुर-50
  • पीलीभीत-100
  • सुल्तानपुर-100

इन छह कॉलेजों को नहीं मिली मान्यता, करेंगे दूसरी अपील

प्रदेश में 13 में से छह मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इन कॉलेजों में फैकल्टी मानकों से बहुत कम है। कई अन्य कमियां भी हैं। इन स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, औरैया, कौशांबी के कॉलेज शामिल हैं। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह का कहना है कि जिन छह कॉलेजों को मान्यता नहीं मिल पाई है, उन्हें दूसरी अपील में जाने को कहा गया है। बता दें कि दूसरी अपील केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष होगी। संबंधित कॉलेज इसे 35 दिन में दायर कर सकेंगे।