शिक्षकों के दुर्व्यवहार के कारण विदेशी छात्र ने पढ़ाई छोड़ी, सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज की शिकायत
लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई छोड़कर जाने वाले विदेशी छात्र ने विभागीय शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि शिक्षक उसके साथ दुर्व्यवहार करते थे। वहीं केवल हिंदी में ही शिक्षक पढ़ाते थे। इस वजह...
लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई छोड़कर जाने वाले विदेशी छात्र ने विभागीय शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि शिक्षक उसके साथ दुर्व्यवहार करते थे। वहीं केवल हिंदी में ही शिक्षक पढ़ाते थे। इस वजह से उसने पढ़ाई बीच में छोड़ दी। छात्र ने सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर मामले की शिकायत दर्ज की है। शिकायत के बाद विवि में हड़कंप मच गया है। साउथ अफ्रीका निवासी सोलो मोपीलो एमएड की पढ़ाई कर रहा था। वह कुछ दिन पहले बगैर बताए वापस अपने देश लौट गया। उसने सीएम के पोर्टल पर शिकायत दर्ज की है। पढ़ाई छोड़ने के लिए छात्र ने शिक्षकों को कारण बताया है। शिकायत के मुताबिक, चूंकि वह अफ्रीका से है इसलिए उसको हिंदी नहीं आती है, फिर भी शिक्षक हमेशा कक्षा में हिंदी में ही पढ़ाते हैं। साथ ही उसने कई बार डीन, आईसीसीआर और इंटरनेशनल स्टूडेंट एडवाइजर को इस बारे में शिकायत की है लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ दी।
व्हाट्सएप पर डाला एक वीडियो
एजुकेशन विभाग में एक विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है। इससे छात्र भी जुड़ा है। छात्र ने इस ग्रुप में एक वीडियो भी पोस्ट किया है। छात्र ने वीडियो के जरिए यह बताते की कोशिश की है कि कक्षा में जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं वह हिंदी में ही पढ़ा रहे हैं। छात्र ने वीडियो को सबूत की तरह डाला है। साथ ही उसका आरोप है जब वह शिक्षकों से इसका विरोध करता था, तो वह उसके साथ गलत व्यवहार करते थे।
फेल होने की वजह से छोड़ी पढ़ाई
विभागीय शिक्षकों का कहना है कि छात्र परीक्षा में फेल हो गया था इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ी। शिक्षकों का कहना है कि उसके सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि छात्र का कहना है कि जब उसे हिंदी आती नहीं है और पढ़ाई हिंदी में होती है तो वह पास कैसे होगा।
एजुकेशन हेड एजुकेशन के विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता बाजपेयी के अनुसार, छात्र परीक्षा में फेल हो चुका था। वह नकल करते हुए भी पकड़ा गया था। इस वजह से आईसीसीआर फेलोशिप भी बंद हो गई थी। कक्षा में हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में संयुक्त रूप से पढ़ाई होती है। चूंकि हिंदी के छात्र अधिक हैं इसलिए हिंदी में अधिक पढ़ाया जाता है।