बीजेपी नेताओं की कोशिश से 14 महीने बाद आलम को भारत में कब्र नसीब हुई, सउदी में हुई थी मौत
परिवार वालों की गुहार और बीजेपी नेताओं की कोशिश से 14 महीने बाद भारतीय दूतावास के जरिए ठेकेदार का शव सोमवार को घर लाया गया, जिसे देखने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। जनाजा उठा तो हर आंख रो पड़ी।

यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले एक ठेकेदार मोहम्मद आलम की मौत सऊदी अरब में जरुर हुई, लेकिन उन्हें कफन हिन्दुस्तान का ही नसीब हुआ। परिवार वालों की गुहार और बीजेपी नेताओं की कोशिश से 14 महीने बाद भारतीय दूतावास के जरिए ठेकेदार का शव सोमवार को घर लाया गया, जिसे देखने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। जनाजा उठा तो हर आंख रो पड़ी।
30 मार्च 2022 को हुई थी मौत
चौक कोतवाली के मोहल्ला मेहमान शाह निवासी मोहम्मद आलम वर्ष 2012 से सऊदी अरब में रहते थे। वह वहां जेददा में ठेका लेकर बिल्डिंगों की पुताई कराते थे। 30 मार्च वर्ष 2022 को सउदी में मोहम्मद आलम की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है शव को घर भेजने की दुश्वारियों के मद्देनज़र आलम के नियोक्ता ने परिवार से वहीं उसे दफ्न करने की इजाजत मांगी लेकिन परिवार ने इनकार कर दिया।
इसके बाद आलम की मां ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना और जितिन प्रसाद से मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने आलम की मां को आश्वासन दिया कि उसका अंतिम संस्कार भारत में ही हो इसकी पूरी कोशिश करेंगे। इसके बाद उन्होंने अपने स्तर पर इसके लिए प्रयास किए।
भाई की याद में चार महीने नहीं किया काम
आफताब ने बताया कि भाई लाकडाउन में आठ माह रहा था। भाई परेशानी के चलते अवसाद में था। मेरा भाई मेरी औलाद की तरह था। यह बताते-बताते आफताब रोने लगे। पास में खड़े लोगों ने संभाला।
मां की रोते-रोते पथरा गईं आंखें
14 महीने बाद बेटे की लाश देख मां मरियम की रोते-रोते आंखें पथरा गईं। रोते-रोते एक दम शांत हुई मरियम को महिलाओं ने संभाला। दिलासा दिया। छतों पर खड़े लोगों के गिरे आंसू मोहम्मद आलम की लाश देखने वालों की भीड़ लग गई। छतों पर खड़े लोग भी आंसुओं को रोक नहीं सके।
