VIDEO: डॉ. शक्ति भार्गव बोले, मैंने सोच समझकर प्लानिंग के साथ फेंका जूता
मैं बिल्कुल फिट हूं। दिल्ली के भाजपा कार्यालय में गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव पर जूता मैनें आवेश में नहीं फेंका, बल्कि यह मेरी प्लानिंग का हिस्सा था। बीआईसी के बंगलों का मामला...
मैं बिल्कुल फिट हूं। दिल्ली के भाजपा कार्यालय में गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव पर जूता मैनें आवेश में नहीं फेंका, बल्कि यह मेरी प्लानिंग का हिस्सा था। बीआईसी के बंगलों का मामला केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए यह कदम बहुत सोच समझकर उठाया, जिसका मुझे कोई मलाल नहीं है। ये अल्फाज हैं डॉ.शक्ति भार्गव के जो दिल्ली के जूताकांड के बाद देशभर की सुर्खियों में छाए हैं। श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली पुलिस के जवानों के साये में शुक्रवार को वीआईपी रोड स्थित अपने घर पहुंचे डॉ. शक्ति भार्गव ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के साथ हर मुद्दे पर खुलकर बात की।
शुक्रवार को वीआईपी रोड स्थित शिवरतन इस्टेट के फ्लैट नंबर 801 में डॉ. शक्ति भार्गव ने जब मेन डोर खोला, तो लगा ही नहीं कि उन्होंने इतना बड़ा कांड किया है। बेहद शांत अंदाज में डॉ. शक्ति ने कहा कि बीआईसी के बंगलों को लेकर पांच साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। लक्ष्य केवल एक है कि 23 बंगलों को लेकर फैसला आए चाहे सकारात्मक आए या नकारात्मक, पर आजतक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
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फेसबुक में बीआईसी से जुड़े मुद्दों पर हजारों लाइक्स मिलते थे। तब उन्हें लगा कि इस मुद्दे को हाईलाइट करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने योजना बनाई। डॉ. शक्ति ने कहा, चुनावी माहौल है और दिल्ली के भाजपा कार्यालय में कोई न कोई बड़ा नेता मौजूद रहता है। कई दिनों से टीवी चैनलों पर बारीकी से निगाह रखी। टाइमिंग नोट करना शुरू किया कि किस समय सबसे ज्यादा प्रेस कांफ्रेंस होती हैं। किस समय भाजपा के बड़े नेता आते हैं और किस समय बड़े मुद्दों पर प्रेस ब्रीफिंग होती है। इस तरह के शैड्यूल नोट करने के बाद दिल्ली गए। भाजपा की प्रेस ब्रीफिंग में पहुंचे और जूता फेंकने की घटना को अंजाम दे डाला।
जूता फेंकने के बाद दिल्ली पुलिस ने घंटों उनके पूछताछ की। चूंकि भाजपा की तरफ से इस मामले में किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई इसलिए पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दिल्ली से श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली पुलिस के तीन जवान उन्हें सुबह घर लेकर पहुंचे। वहां थाना कोहना की पुलिस को सौंपा और लौट गई। दिल्ली से कानपुर ट्रेन के सफर पर डॉ. शक्ति ने मुस्कराते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस मुझे इस तरह संभालकर कानपुर तक लाई जैसे कि मैं बारूद का गोला हूं। फिर बोले कि बीआईसी के बंगलों को लेकर उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
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