डॉक्टरों को ज्यादा मानदेय पाने को नए सिरे से करना होगा आवेदन, स्वास्थ्य विभाग का फरमान
यूपी में डॉक्टरों को ज्यादा मानदेय पाने को नए सिरे से आवेदन करना होगा। नई भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन के अंतर्गत वे भी आवेदन कर सकेंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) यूपी में कार्यरत संविदा चिकित्सक नाराज हैं। उनकी नाराजगी नए डॉक्टरों को उनसे अधिक मानदेय पर रखे जाने के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को लेकर है। इस संबंध में उन्होंने एनएचएम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भी इसकी शिकायत भेजी है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिक मानदेय पाने के लिए पूर्व से कार्यरत चिकित्सकों को नए सिरे से आवेदन करना होगा। नई भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन के अंतर्गत वे भी आवेदन कर सकेंगे।
दरअसल एनएचएम यूपी ने एमबीबीएस डिग्री वाले संविदा डॉक्टरों की भर्ती एक लाख रुपये मासिक मानदेय रखे जाने के लिए हाल ही में विज्ञापन निकाला है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में साक्षात्कार के जरिए लगभग 500 डॉक्टर रखे जाएंगे। इस नये विज्ञापन ने पहले से काम कर रहे डॉक्टरों का तनाव बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि समान डिग्री और पहले से काम करने का अनुभव होने के बाद भी उन्हें बाद में आने वालों से कम पैसे मिलेंगे। उन्होंने इस इस संबंध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि किसी भी विभाग में एक ही पद पर पुराने कार्मिकों का वेतन नये लोगों के वेतन से कम नहीं हो सकता।
अन्य बिहार, मेघालय जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा है कि वेतन विसंगति को दूर किए जाने को वहां पुराने कार्मिकों को प्रतिवर्ष पांच फीसदी की वेतन वृद्धि को शामिल किया गया है। उधर, इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा का कहना है कि डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए लगातार विभिन्न स्तरों पर डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुराने लोग भी नये मानदेय को हासिल करने के अधिकारी हैं। इसके लिए उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
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