हमीरपुरजनपदस्य राठतहसीलस्य...हमीरपुर में जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत में दिया फैसला
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में शुक्रवार को जमीन से जुड़े एक मामले में जब फैसला सुनाना शुरू किया गया तो हर कोई दंग रह गया। दरअसल जिला मजिस्ट्रेट संस्कृत में फैसला सुना रहे थे।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में शुक्रवार का दिन कुछ खास रहा। जिला मजिस्ट्रेट ने एक मुकदमे का फैसला पहले तो संस्कृत में पढ़कर सुनाया और फिर संस्कृत भाषा में टाइप्ड आदेश की कॉपी वकीलों को सौंपी गई। हालांकि संस्कृत भाषा में लिखे गए आदेश को समझने के लिए वकीलों को मशक्कत करनी पड़ी और कुछ लोग ट्रांसलेट कराते दिखाई दिए।
जिला मजिस्ट्रेट (DM) कोर्ट डॉ.चंद्रभूषण त्रिपाठी की अदालत में राठ तहसील क्षेत्र में कुम्हरिया गांव के अनुसूचित जाति के किसान करण सिंह ने जमीन बेचने की अनुमति मांगी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार को जब फैसला सुनाया तो ज्यादातर लोग हतप्रभ रह गए। क्योंकि जो फैसला जिला मजिस्ट्रेट पढ़कर सुना रहे थे, वह हिंदी या अंग्रेज़ी में नहीं था बल्कि संस्कृत में था। फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट की इस नई पहल की लोग तारीफ करते दिखाई दे रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट (DM) कोर्ट डॉ.चंद्रभूषण त्रिपाठी संस्कृत से पीएचडी हैं और उन्होंने संस्कृत भाषा में ऑर्डर किया है।
संस्कृत में फैसले को लेकर हमीरपुर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा में निर्णय देकर डीएम ने इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में कभी किसी जिला जज ने संस्कृत भाषा में आदेश पारित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिला जज की इस पहल से संस्कृत भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और लोगों को सनातनी देवभाषा को जानने और समझने का अवसर मिलेगा।