अटकलों पर विराम: TCS नहीं जाएगी, कुछ कर्मचारियों का होगा ट्रांसफर
आईटी कम्पनी टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के लखनऊ से जाने की अटकलों पर डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि टीसीएस लखनऊ से कहीं नहीं जाने वाली है। कम्पनी केवल...
आईटी कम्पनी टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के लखनऊ से जाने की अटकलों पर डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि टीसीएस लखनऊ से कहीं नहीं जाने वाली है। कम्पनी केवल अपने कुछ कर्मचारियों को इधर से उधर कर रही है। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा की कम्पनी के वाइस प्रेसीडेंट तन्मय चक्रवर्ती तथा यूपी प्रोजेक्ट हेड अजय सिंह व उनकी टीम के साथ बैठक हुई है।
डॉ दिनेश ने कहा कि टीसीएस मैनेजमेंट ने प्रदेश की नयी औद्योगिकी नीति की खुलकर सराहना भी की है। आईटी कम्पनी टीसीएस के लखनऊ से वापस जाने की चर्चा से आईटी सेक्टर में कॅरियर बनाने की तरफ बढ़ रहे युवा काफी चिन्तित हैं। प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में पढ़ाई कर रहे युवाओ को पहले लखनऊ की टीसीएम में जॉब का अवसर मिल जाता था। लेकिन इसके जाने की चर्चा से उनमें निराशा के साथ आक्रोश भी है।
कम्पनी को यहां से जाने से रोकने के लिए टीसीएस के कर्मचारियों ने तो मुहिम चला ही रखी है अब उनकी इस मुहिम में राजधानी के तमाम इंजीनियरिंग कालेजों के छात्र भी जुड़ रहे हैं। वह कम्पनी को रोकने के लिए अफसरों से लेकर मंत्रियों तक गुहार लगा रहे हैं। युवाओं को उम्मीद थी की नयी सरकार आईटी सेक्टर को और बढ़ावा देगी लेकिन अचानक टीसीएस के यहां से जाने की अटकलों से वह परेशान हैं। हालांकि अभी इसको लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है। क्योंकि पूर्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी टीसीएस के कहीं नहीं जाने देने की बात कह चुके हैं। अब डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने काफी हद तक तस्वीर और साफ कर दी है। डॉ. दिनेश शर्मा की टीसीएस के वाइस प्रेसीडेंट तन्मय चक्रवर्ती व यूपी प्रोजेक्ट हेड अजय सिंह के साथ बैठक हुई है।
बैठक में टीसीएस को लेकर लम्बी बात हुई। इसमें कम्पनी के अधिकारियों ने डॉ. दिनेश शर्मा से साफ कहा कि वह लखनऊ यूनिट बंद नहीं कर रहे हैं। केवल कर्मचारियों का इधर-उधर ट्रांसफर कर रहे हैं। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि उनकी गुजरात से आए कम्पनी के आला अफसरों के साथ बैठक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कम्पनी ने प्रदेश की नयी औद्योगिक नीति की खुलकर सराहना भी की है। सरकार भी प्रदेश में आईटी इण्डस्ट्री को बढ़ाने के लिए मजबूती से काम कर रही है। आने वाले दिनों में लखनऊ आईटी हब बनेगा।
टीसीएस के विवाद पर यहां के कर्मचारियों के बयान अधिकारियों से जुदा हैं। एक तरफ अधिकारी कह रहे हैं कि कम्पनी बंद नहीं हो रही, केवल कुछ प्रोजेक्ट शिफ्ट हो रहे हैं, वहीं कर्मचारियों का कहना है कि टीसीएस यहां बीपीओ खोलने जा रहा है, बाकी प्रोजेक्ट्स दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो रहे हैं। ऐसे में उन प्रोजेक्ट से जुड़े लगभग 1500 कर्मचारियों को तो यहां से जाना ही पड़ेगा। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें यहां से हटाने की जो प्रक्रिया पहले दिसम्बर में होने वाली थी, अब उसे अगस्त-सितम्बर में ही किया जा रहा है और उन लोगों से कहा गया है कि जुलाई के अंत तक लिखकर दे दें कि उन्हें कहां ट्रांसफर किया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जो ट्रांसफर नहीं लेना चाहता वह नौकरी छोड़ सकता है।
युवाओं को हताश व निराश होने की जरूरत नहीं है। प्रदेश की नयी औद्योगिक नीति की हर तरफ सराहना हो रही है। इसका असर भी जल्दी दिखेगा। टीसीएस कहीं नहीं जा रही है बल्कि कई और कम्पनियां जल्दी ही दस्तक देंगी। प्रदेश के युवाओं को प्रदेश में ही उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिलेगा। लखनऊ आने वर्षों में आईटी हब बनेगा।
डॉ. दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
टीसीएस से यहां जॉब मिलने का अवसर ज्यादा रहता है। टीसीएस लखनऊ के इंजीनियरिंग कालेजों से काफी प्लेसमेंट करता है। टीसीएस शहर की इकलौती बड़ी कम्पनी थी अगर यह भी चली गयी तो लखनऊ में बचेगा क्या। सरकार को इसे रोकना चाहिए।
सिद्धान्त प्रियदर्शी, बीटेक छात्र, अम्बालिका इंस्टीट्यूट, लखनऊ