प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए वाराणसी में इस बार गंगा उस पार रेती को भी दीपों से रोशन करने की तैयारी हो रही है। राजघाट पुल से रामनगर किला तक पांच लाख दीप जलाए जाएंगे। दीपों की रोशनी में श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर का माडल भी रोशन होगा। इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से गंगा की रेती से माडल बनाया जाएगा।
गंगा उस पार विस्थापित हो चुकी कछुआ सेंचुरी के दायरे वाले सात किमी के दायरे में माडल को तैयार करने के लिए जमीन का चिन्हांकन मंगलवार को शुरू हो गया है। 30 नवंबर को आयोजित देवदीपावली के दिन पीएम मोदी आकर्षक नजारों का अवलोकन करने के लिए डोमरी में हेलीकाप्टर से उतरेंगे। उन्हें यह माडल दिखाने की तैयारी हो रही है।
गंगा के उस पार रेती में करीब पांच लाख दीपक जलाए जाएंगे। इसके लिए पूरे जोर-शोर से तैयारी है। जलने वाले दीपक की आभा काफी देर तक वायुमंडल में झलके, इसके लिए दीपों की टेस्टिंग भी की गई। माडल के तौर पर दो से अधिक दीपों को विकास प्राधिकरण के पार्कों में रखकर जलाया गया।
वहीं, हवा के दबाव को लेकर भी मंथन शुरू हुआ है। चूंकि, गंगा के उस पार पहली बार दीपों को सजाया जा रहा है। उस तरफ सीधे तौर पर हवा का दबाव रहेगा। ऐसी स्थिति में दीप कितने देर तक जलेंगे, इसको लेकर मंथन हो रहा है। इसके विकल्प पर भी विचार हो रहा है। वहीं, गंगा की रेती पर सैंड आर्ट का मनोरम नजारा दिखेगा। इसके लिए बीएचयू समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के छात्रों ने अपने स्तर से तैयारी की है।
काशी की नावों को छूट, बाहरी पर प्रतिबंध
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि देव दीपावली पर बाहर की नावों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। सिर्फ गंगा घाट से जुड़ी नाव ही चलेंगी। बुकिंग पहले से करने वालों को पूरी डिटेल देनी होगी ताकि उनके लिए घाट निर्धारित किया जाए। पर्यटक को बैठाकर किस रूट से नाव लेकर जाएंगे, कहां उतारेंगे। बकायदा इस बाबत तय रूट चार्ट का अनुपालन करना होगा। नाविकों का कार्ड भी बनेगा। बिना कार्ड के नाव संचालित करने की छूट नहीं दी जाएगी। एडीएम स्तर के अधिकारी को बतौर इसके कार्य के लिए प्रभारी अधिकारी की रूप में तैनाती होगी।