कोरोना के साथ डेंगू ने बरपाया कहर, पांच दिन में 52 लोगों में डेंगू की पुष्टि
कोरोना संग डेंगू ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पांच दिन में 52 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 32 लोगों ने प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच कराई थी। 20 की सरकारी अस्पताल में हुई। लखनऊ के अब तक...
कोरोना संग डेंगू ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पांच दिन में 52 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें 32 लोगों ने प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच कराई थी। 20 की सरकारी अस्पताल में हुई। लखनऊ के अब तक 332 लोग डेंगू बुखार के शिकार हो चुके हैं।
इंदिरानगर व जानकीपुरम में ज्यादा प्रकोप
डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप इंदिरानगर व जानकीपुरम में है। इन इलाकों के अब तक 100 से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इंदिरानगर में कोरोना वायरस ने भी रफ्तार पकड़ रखी है। ऐसे में यहां के लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एल्डिको ग्रीन, चिनहट, विकासनगर, सरोजनीनगर, तकरोही, चौक, फरीदीनगर, रिंगरोग स्थित वसुंधरा विहार कॉलोनी और त्रिवेणीनगर इलाके के लोगों में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है।
पूरे शहर में मच्छरों का प्रकोप
राजधानी में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। मच्छरों ने दिन का चैन और रात की नींद छीन रखी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब तक सैकड़ों घरों में कूलर व गमलों की जांच की। इसमें 100 से ज्यादा घरों की डेंगू के लार्वा मिले हैं।
कागजों में एंटीलार्वा छिड़काव
स्वास्थ्य विभाग पर एंटीलार्वा के छिड़काव की जिम्मेदारी है। इसके लिए रोस्टर भी बनाया गया है। पर, निगरानी न होने से एंटीलार्वा का छिड़काव पुख्ता तरीके से नहीं हो रहा है। अभियान सिर्फ कागजों में ही सिमटा है। फैजुल्लागंज स्थित राम लीला मैदान निकट निवासी राम कृष्ण का कहना अभी तक फागिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव नहीं हुआ है। राधाकृष्ण मंदिर निकट अभिषेक ने भी फागिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव न होने की शिकायत की है। इंदिरानगर के वीपी सिंह ने बताया कि फागिंग न होने से मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। डेंगू का खतरा और बढ़ गया है।
लक्षण
- तेज बुखार
- सिर में आगे की ओर तेज दर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द
- भूख न लगना
- छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने
- चक्कर आना
- जी घबराना व उल्टी आना
- शरीर पर खून के चकते व खून की सफेद कोशिकाओं की कमी।
सलाह
- मरीज आराम करें
- पैरासिटामोल की गोली (24 घन्टे में चार बार से अधिक नहीं) ले सकते हैं
- एस्प्रीन व आईबुप्रोफेन न लें
- ओआरएस का घोल फायदेमंद है
मच्छरों को पनपने से रोकें
- छोटे डिब्बों व ऐसे स्थानों से पानी निकालें जहां पानी बराबर भरा रहता है
- कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलें
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
- मच्छर भगाने वाली दवा आदि का प्रयोग करें
- टंकियों व बर्तन को ढककर रखें।
- जलजमाव वाले स्थान पर जले हुए तेल या मिट्टी के तेल को डालें।