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ट्रेन में खिड़की से आई मौतः हैरतअंगेज हादसे के बाद रेलवे की दिखी असंवेदनशीलता, जवान बेटे का शव लेकर निराश लौटे पिता 

नीलाचल एक्सप्रेस में शुक्रवार को एक ऐसा हैरतअंगेज हादसा हुआ कि सभी अवाक रह गए। दौड़ रही ट्रेन में बाहर से शीशा तोड़कर सब्बल घुसा और यात्री की गर्दन को बेधता हुआ पार हो गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

ट्रेन में खिड़की से आई मौतः हैरतअंगेज हादसे के बाद रेलवे की दिखी असंवेदनशीलता, जवान बेटे का शव लेकर निराश लौटे पिता 
Yogesh Yadavहिन्दुस्तान,अलीगढ़Sat, 03 Dec 2022 11:08 PM
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नीलाचल एक्सप्रेस में शुक्रवार को एक ऐसा हैरतअंगेज हादसा हुआ कि सभी अवाक रह गए। अलीगढ़ के पास डाबर और सोमना रेलवे स्टेशन के बीच 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन में बाहर से शीशा तोड़कर सब्बल अंदर घुसा और एक यात्री की गर्दन को बेधता हुआ पार हो गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पटरी पर लापरवाही से पड़ा सब्बल काम के दौरान छिटककर अंदर पहुंच गया था। रेलवे की तरफ से हुई लापरवाही से मौत के बाद रेलवे अधिकारियों का असंवेदनशील रवैया देखने को मिला। 

परिवार का बेटा गया तो परिवार को लगा रेलवे उनके दर्द को समझेगा पर शनिवार को ऐसा नहीं हुआ। रातभर पोस्टमार्टम हाउस और आधा दिन रेलवे अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद एक पिता आंखों में आंसू के साथ बेटे का शव लेकर निराश सुल्तानपुर लौट गया। नीलांचल एक्सप्रेस हादसे में शनिवार को रेलवे द्वारा दी जारी अनुग्रह अनुदान को लेकर परिजन भड़क उठे। रेलवे द्वारा फौरी राहत के तौर पर 15 हजार रुपये की राशि की पेशकश की गई। इसे लेने मृतक हरिकेश के पिता संतराम दुबे ने इंकार कर दिया। 

शुक्रवार को 110 की रफ्तार में दौड़ रही नीलांचल एक्सप्रेस में अचानक सब्बल गले में घुसने से हरिकेश पुत्र संतराम थाना चांदा ग्राम गोपीनाथपुर जिला सुल्तानपुर की मौके पर ही मौत हो गई थी। सूचना पर पहुंचे पिता को रेलवे अधिकारियों से सहानुभूति की उम्मीद थी, लेकिन वह भी अधिक देर नहीं रही। परिजनों के आने तक शव मोर्चरी में रखा रहा। शनिवार सुबह परिजनों के आने के बाद शव का पोस्ट मार्टम कराया गया।

एक ओर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया चल ही रही थी। दूसरी ओर सीएमआई संजय शुक्ला पोस्ट मार्टम हाउस पर मौके पर पहुंचे। रेलवे द्वारा फौरी तौर दिए जाने वाले अनुदान की पेशकश की। लेकिन परिवार वालों ने लेने मना कर दिया। पिता बोले मेरा बेटा रेलवे की लापरवाही से मरा है और मुझे 15 हजार रुपये दे रहे हैं। इसके बाद सीएमआई ने क्लेम की प्रक्रिया को समझाया। पिता ने कहा बेटे के दाह संस्कार के बाद अपने वकील के साथ हम वापस आएंगे। 

शव लेकर पहुंचे रेलवे स्टेशन

पोस्टमार्टम हाउस पर रेलवे अधिकारियों से वार्ता के बाद परिवार वालों को लगा कि रेलवे अधिकारी जैसे तैसे उन्हें यहां से भेज देना चाहते थे। परिवार वालों ने पीएम हाउस से घर न जाकर रेलवे स्टेशन पहुंच गए। पिता और भाइयों पहले जीआरपी थाने को घेरा फिर सीएमआई आफिस के सामने जमा हो गए। परिजनों के जमा होते ही रेलवे अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।

सीएमआई संजय शुक्ला, जीआरपी इंस्पेक्टर सुबोध सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव वर्मा मौके पर पहुंचे और समझाना शुरू किया। सीएमआई ने जब पिता से मांग पूछा तो उन्होंने कहा बेटा वापस नहीं आ सकता है। उसके दो छोटे छोटे बच्चे हैं। उनके पालन पोषण के लिए बहू को नौकरी और मुआवजा दिया जाए। 

अधिकारियों के समक्ष रखुंगा मांग : सीएमआई

पिता संतराम की नौकरी की मांग को लेकर सीएमआई संजय शुक्ल ने उनकी मांग उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने की बात कही। फिर उन्होंने क्लेम की प्रक्रिया को दोबारा समझाया। एक बार फिर अनुग्रह अनुदान राशि देने की कोशिश की गई। लेकिन परिजनों ने लेने से मना कर दिया। पिता बोले रेलवे के पैसे के बिना मेरे बेटे का दाह संस्कार नहीं होगा क्या ? उसके बाद पिता और परिजन वापस लौट गए।

सुल्तानपुर में करेंगे प्रदर्शन : पिता

रेलवे परिसर में जब परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो जीआरपी और आरपीएफ की फोर्स जमा हो गई। सभी द्वारा नियम कानून और कोर्ट की दुहाई दी जाने लगी। जिससे निराश पिता बोले अभी हम संख्या में कम है। हम सुल्तानपुर जा रहे अपने लोगों के साथ हाइवे जाम और डीएम का घेराव करेंगे। जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक लड़ेंगे।

सब्बल से यात्री की ब्रेन व सांस नली हुई डेमेज, महज दो सेकंड में तोड़ा दम

सब्बल पार होने से दम तोड़ने वाले यात्री की मौत ब्रेन व सांस की नली डेमेज होने से हुई थी। शनिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है। चिकित्सकों का कहना है कि सब्बल घुसने के महज दो से पांच सेकंड में ही यात्री हरकेश ने दम तोड़ दिया। 

शनिवार सुबह वीडियोग्राफी के बीच चिकित्सकों के पैनल ने हरिकेश के शव का पोस्टमार्टम किया। करीब एक घंटे तक चले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सब्बल ने यात्री की पहले सांस की नली डैमेज की, उसके बाद ब्रेन को चीरते हुए पिछले हिस्से से बाहर निकल आया। इस हादसे में महज दो से पांच सेकंड में यात्री ने दम तोड़ दिया। यात्री का पोस्टमार्टम होने के दौरा पूरी वीडियोग्राफी करायी गई। वीडियो को सुरक्षित रखा गया है। ताकि जांच में यह शामिल की जा सके। .

चिकित्सकों ने पहली बार किया इस तरह का पोस्टमार्टम 

सुल्तानपुर के थाना चांदा गांव गोपीनाथपुर निवासी यात्री हरिकेश के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद चिकित्सकों ने बताया कि उन्होंने पहली बार इस तरह का पोस्टमार्टम किया है। 

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