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अंतिम सलामी: हर आंख थी नम, जब 6 साल के बेटे ने शहीद पापा को दी मुखाग्नि, देखें वीडियो

जम्मू के अरनिया सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद बृजेन्द्र बहादुर सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। गांव के ही बाहर सरकारी स्कूल के मैदान में शहीद की चिता सजायी गयी। जवानों ने अपने साथी...

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बलिया, लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 16 Sep 2017 02:32 PM
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जम्मू के अरनिया सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद बृजेन्द्र बहादुर सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। गांव के ही बाहर सरकारी स्कूल के मैदान में शहीद की चिता सजायी गयी। जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी दी। इसके बाद शहीद के बड़े बेटे 6 साल के भूपेन्द्र ने अपने जाबांज पिता को मुखाग्नि दी तो माहौल गमगीन हो गया। बृजेन्द्र बहादुर अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लगने लगे।

इससे पहले शहीद का शव दिल्ली से जहाज से पटना आने के बाद सडक मार्ग से पैतृक गांव लाया गया। भोर में पांच बजे बीएसएएफ के अधिकारी अपने जवान का शव लेकर घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। पत्नी सुश्मिता पति के शव से लिपटकर रोने लगी। मां का एक दिन पहले से ही रो-रोकर बुरा हाल था। कुछ देर तक घर पर रखने के बाद शहीद के शव को गांव से बाहर जूनियर हाईस्कूल के मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। यहां प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पुष्पचक्र चढाया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी, सांसद भरत सिंह व रविन्द्र कुशवाहा, विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल, डीएम सुरेंद्र विक्रम, एसपी अनिल कुमार समेत हजारों लोगों ने अपने वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम प्रणाम किया। मैदान मे बगल में ही शहीद की चिता सजायी गयी, जहां उनके मासूम बेटे ने मुखाग्नि दी।

इससे पहले शहीद के शव के इंतजार में रातभर गांव के लोग जगे रहे, शव दो बजे पहुंचने की सूचना दी लेकिन बीएसएपफ के अधिकारी भोर में पांच बजे तक पहुंच सके। गांव व आसपास के युवाओं ने रात में ही गांव में कैंडल मार्च निकालकर अपने शहीद लाल की आगवानी की।

पत्नी को 20 व पिता को 5 लाख की चेक
प्रदेश सरकार ने जम्मू के अरनिया सेक्टर में पाक गोलीबारी में शहीद हुए बृजेन्द्र बहादुर सिंह के परिजनों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करायी। शहीद के अंतिम संस्कार के बाद सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दूबे व अन्य नेता शहीद के घर पहुंचे नेताओं ने शहीद की पत्नी सुष्मिता को सरकार की ओर से 20 लाख का चेक उपलब्ध कराया। शहीद के पिता को भी पांच लाख का चेक दिया गया। मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शहीद की स्मृति में स्मारक, गांव में ही एक खेल मैदान व प्रवेश द्वार बनाने की घोषणा सरकार की ओर से की। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने भी विधायक निधि से शहीद द्वार बनाने से सम्बंधी पत्र दिया। मंत्री श्रीकांत शर्मा मुखाग्नि के बाद देर तक रुके रहे, फिर वापस हो गए।

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