Daughter's Day 2018: बिना हाथ बनाई पेंटिंग, जीता राष्ट्रीय पुरस्कार
चार साल की उम्र में सरिता द्विवेदी को बिजली का करंट लग गया। ये 19 अगस्त 1995 की बात है। हादसे के बाद उनके दोनों हाथ और एक पैर काटना पडा। अचानक जिंदगी बदल गई। भागना-दौड़ना बंद हो चुका था, पर...
चार साल की उम्र में सरिता द्विवेदी को बिजली का करंट लग गया। ये 19 अगस्त 1995 की बात है। हादसे के बाद उनके दोनों हाथ और एक पैर काटना पडा।
अचानक जिंदगी बदल गई। भागना-दौड़ना बंद हो चुका था, पर दिमाग में सतरंगी कलाकृतियां आकार लेने लगी थीं। घरवालों से छिपकर पैर से ड्राइंग बनाने लगीं। केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के दौरान आर्ट टीचर ने उनके हुनर को पहचाना। पहले स्कूल फिर राज्य और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीते। पहला राष्ट्रीय पुरस्कार 15 मई 2006 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने दिया। बीएफए की डिग्री हासिल करने के बाद अब वो भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) में नौकरी करती हैं।
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