Daughter's Day 2018: व्हीलचेयर पर बैठकर लगाया गोल्ड पर निशाना
सुमेधा पाठक को 2013 में रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन हुआ और उनकी कमर के नीचे के हिस्से ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया। तब वो 10वीं कक्षा में पढ़ती थीं। मम्मी-पापा चिंतित थे, पर सुमेधा ने शारीरिक...
सुमेधा पाठक को 2013 में रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन हुआ और उनकी कमर के नीचे के हिस्से ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया। तब वो 10वीं कक्षा में पढ़ती थीं। मम्मी-पापा चिंतित थे, पर सुमेधा ने शारीरिक दिव्यांग्ता को ही ताकत बना लिया।
इलाज के दौरान वे स्कूल नहीं जा सकीं इसलिए घर पर रहकर पढ़ाई की और अच्छे अंकों से पास हुईं। 2016 में इंटरमीडिएट में सीबीएसई कॉमर्स से दिव्यांग वर्ग में नेशनल टॉपर रहीं। उन्होंने पढ़ाई के साथ निशानेबाजी सीखी। लोगों ने टोका भी कि व्हीलचेयर पर बैठकर निशानेबाजी कैसे होगी, पर सुमेधा ने किसी की नहीं सुनी। महज छह महीने के अभ्यास के बाद स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में दिव्यांग वर्ग में गोल्ड मेडल जीता और प्री नेशनल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। इस प्री नेशनल में उत्तर प्रदेश से मेडल लाने वाली वह एकमात्र खिलाड़ी थीं। आजकल वे नवंबर में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं।
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