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सीटीईटी साल्वर गैंग : आधार कार्ड और एडमिट कार्ड की फाेटो से होता था खेल, डेढ़ से दो लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का सौदा

केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में एसटीएफ ने जिस सॉल्वर गैंग का खुलासा किया है, वह हॉलैंड हॉल के रोहित और कौशाम्बी के कमलेश के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करते थे। इस गैंग में शामिल दोनों आरोपी फरार हैं।...

सीटीईटी साल्वर गैंग : आधार कार्ड और एडमिट कार्ड की फाेटो से होता था खेल, डेढ़ से दो लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का सौदा
Amit Guptaवरिष्ठ संवाददाता ,प्रयागराज Mon, 01 Feb 2021 05:43 PM
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केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में एसटीएफ ने जिस सॉल्वर गैंग का खुलासा किया है, वह हॉलैंड हॉल के रोहित और कौशाम्बी के कमलेश के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करते थे। इस गैंग में शामिल दोनों आरोपी फरार हैं। रोहित का काम फोटो मिक्सिंग तो कमलेश कंडीडेट लाने का काम करता था। एक अभ्यर्थी को पास कराने के लिए डेढ़ से दो लाख रुपये में सौदा करते थे। एसटीएफ इस गैंग से जुड़े शिक्षक और इंजीनियर के बारे में और जानकारी जुटा रही है। उनके विभाग को भी पत्र लिखकर जानकारी दी जा रही है।  आरोपियों के मूल पते का भी सत्यापन कराया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि वहां पर उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा तो नहीं है। एसटीएफ यह भी पता लगा रही है कि इस गैंग की सेटिंग परीक्षा केन्द्रों में तो नहीं थी। 

एसटीएफ प्रभारी नीरज पांडेय ने बताया कि सीटीईटी में सात लोगों को पकड़ा गया है, जिसमें शिक्षक प्रशांत और धर्मेन्द्र गैंग के सरगना है। इन्हीं दोनों शिक्षकों ने इंजीनियर और अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया था। पूछताछ में दोनों ने बताया कि सैयदसरांवा, पूरामुफ्ती जिला कौशाम्बी निवासी कमलेश सीटीईटी के अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लेता था। बदले में वह डेढ़ से दो लाख रुपये देता था। परीक्षा से पूर्व इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉलैंड हॉल में रहने वाले रोहित की मदद से अभ्यर्थी और सॉल्वर की फोटो  मिक्स कराई जाती थी।  एक विशेष साफ्टवेयर की मदद से दोनों फोटो को मिक्स कर एक फोटो बनती है। उसी मिक्स फोटो को अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र और अन्य आईडी में इस्तेमाल किया जाता था। इससे उनकी पहचान करना आसान हो जाता है। इस काम के लिए रोहित हर अभ्यर्थी से 20 हजार रुपये लेता था। इसके अलावा दूसरे की जगह पर परीक्षा देने वाले सॉल्वर को 50 हजार रुपये दिया जाता था। कई अभ्यर्थियों से कैश के अलावा चेक से भी रुपये लिए थे। 
 

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