ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशश्रीकृष्ण विराजमान मामले में अदालत ने मांगी दावे पर और जानकारी, 15 को सुनवाई

श्रीकृष्ण विराजमान मामले में अदालत ने मांगी दावे पर और जानकारी, 15 को सुनवाई

मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान मामले में हिन्दू आर्मी द्वारा किए गए दावे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में एक बार फिर टल गई। अदालत ने दावे की सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तिथि नियत की है।...

श्रीकृष्ण विराजमान मामले में अदालत ने मांगी दावे पर और जानकारी, 15 को सुनवाई
मथुरा हिन्दुस्तान संवाद Mon, 04 Jan 2021 06:57 PM
ऐप पर पढ़ें

मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान मामले में हिन्दू आर्मी द्वारा किए गए दावे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में एक बार फिर टल गई। अदालत ने दावे की सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तिथि नियत की है। सोमवार को अदालत पहुंचे हिन्दू आर्मी चीफ मनीश यादव से अदालत ने दावे संबंधी कुछ आवश्यक जानकारी मांगी है। 

15 दिसंबर को हिन्दू आर्मी चीफ मनीश यादव ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का वंशज बनकर अधिवक्ताओं के माध्यम से एक दावा सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दाखिल किया, जिसमें उन्होंने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमेन, शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी तथा श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को पार्टी बनाया है। सोमवार को हिन्दू आर्मी चीफ मनीश यादव अधिवक्ताओं के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिविजन नेहा बधेनियां अदालत में पेश हुए। अदालत ने दावे के स्वीकार होने और न होने पर सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तारीख नियत की है। मनीश यादव ने बताया कि वह भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं, इसलिए उनका पहला अधिकार बनता है।

भागवत धर्म संस्था का दावा हो चुका है स्वीकार 
मथुरा। श्रीकृश्ण विराजमान मामले और समझौते की डिक्री रद्द करने को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन नेहा बधोनियां की अदलात में 23 दिसंबर को भागवत धर्म संस्था के संस्थापक अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य ने दावा दायर किया था। अदालत ने उनके दावे को स्वीकार कर लिया है। उनके द्वारा विराजमान ठाकुर केशव देव के भक्त बनकर 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को लेकर हुए समझौते की डिक्री को रद्द करने की मांग की गई है। उनके दावे पर 22 जनवरी को सुनवाई होनी है।

जिला जज की अदालत में चल रही है सुनवाई
मथुरा। श्रीकृष्ण विराजमान मामले को लेकर सबसे पहले रंजना अग्निहोत्री आदि ने सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दावा पेष किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद रंजना अग्निहोत्री आदि ने इसके खिलाफ जिला जज की अदालत में अपील की थी। उनकी अपील पर सुनवाई 7 जनवरी को होनी है। इसी अपील में याची बनने के लिए माथुर चतुर्वेदी परिषद की ओर से भी अपील की गई थी, जिसे अदालत ने इसी में समाहित कर लिया है। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें