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नीली बत्ती लगाकर चलने वाले बंटी-बबली गिरफ्तार

मेरठ में कोतवाली पुलिस ने खुद को पावर कॉरपोरेशन का जेई बताकर ठगी करने वाले युवक और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों नीली बत्ती लगी कार में चलते थे। खुद की सरकार में अच्छी पहुंच बताते थे।...

नीली बत्ती लगाकर चलने वाले बंटी-बबली गिरफ्तार
मेरठ। कार्यालय संवाददाताWed, 12 Jun 2019 10:37 PM
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मेरठ में कोतवाली पुलिस ने खुद को पावर कॉरपोरेशन का जेई बताकर ठगी करने वाले युवक और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों नीली बत्ती लगी कार में चलते थे। खुद की सरकार में अच्छी पहुंच बताते थे। यह बंटी-बबली बिजली बिल असेस्मेंट के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठग चुके हैं। पुलिस ने एक कार, नीली बत्ती और कुछ रकम बरामद की है।

एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि शाहजहांपुर के कुछ लोगों ने पिछले दिनों इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। शाहजहांपुर के आसिफ खां की शिकायत पर चार मई को किठौर थाने में जावेद निवासी खैरनगर के विरुद्ध धोखाधड़ी का एक मुकदमा भी पंजीकृत किया गया। शिकायकर्ता आसिफ के मुताबिक, जावेद नीली बत्ती लगी कार में उनके गांव में आया। खुद को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन का जेई बताकर बिल कम करने और नया कनेक्शन दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी कर फरार हो गया। शाहजहांपुर के मंसूर अहमद से एक लाख, उस्ज अहमद से 10 हजार, मजहर उल्ला से 15 हजार, हबीब अख्तर से 40 हजार, शाहरोज से 10 हजार, खुर्शीद अहमद से 40 हजार रुपये ठगे गए।

कोतवाली पुलिस ने खैरनगर निवासी जावेद सलीम और उसकी पत्नी आयशा सुल्ताना को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से नीली बत्ती, अर्टिगा कार और कुछ रकम बरामद हुई है। जावेद सलीम पूर्व में उप्र परिवहन निगम में क्लीनर था। लंबे समय तक अनुपस्थित रहने पर उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। पुलिस ने बताया कि इस दंपति ने कई बैंकों से ऑटो और हाउसिंग लोन भी ले रखा था। भुगतान नहीं करने पर इनके विरुद्ध बैंक स्तर से पूर्व में कार्रवाई की गई थी। जावेद सलीम के खिलाफ धोखाधड़ी के चार मामले पंजीकृत हैं। एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि आरोपी से ठगी की रकम बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस्माईल कॉलेज में आयशा ने किया था फ्रॉड

आयशा सुल्ताना इस्माइल गर्ल्स इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापिका रही है। आयशा और कॉलेज के पूर्व क्लर्क गय्यूर ने कई साल पहले तीन बैंकों से फर्जी नामों से लाखों रुपये का लोन लिया था। कॉलेज को बैंक का नोटिस आने पर इसका खुलासा हुआ। इसके बाद सभी आरोपियों को नौकरी से निकाला गया था। 

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