कोरोना: महाराष्ट्र से 1700 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर पहुंचा इंजीनियर
कोरोना के डर के कारण महाराष्ट्र की एक निजी कंपनी में काम करने वाला इंजीनियर स्कूटी से अपने घर यूपी के सोनभद्र पहुंच गया। महाराष्ट्र से सोनभद्र आने में उन्हें तीन दिन का समय लगा। तीन दिन में उन्होंने...
कोरोना के डर के कारण महाराष्ट्र की एक निजी कंपनी में काम करने वाला इंजीनियर स्कूटी से अपने घर यूपी के सोनभद्र पहुंच गया। महाराष्ट्र से सोनभद्र आने में उन्हें तीन दिन का समय लगा। तीन दिन में उन्होंने लगभग 1710 किलोमीटर की यात्रा की। इस यात्रा को तय करने में ढाई हजार रुपए का पेट्रोल खर्च हुआ।
यूपी के सोनभद्र जिले के रामगढ़ के चपईल गांव निवासी अतीन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि वह महाराष्ट्र के पालघर में एक निजी कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण तथा रेल और बसों में यात्रा करने के दौरान बढ़ रहे खतरों को देखते हुए उन्होंने स्कूटी से ही अपने घर जाने का फैसला कर लिया। 20 मार्च की दोपहर डेढ़ बजे स्कूटी लेकर महाराष्ट्र के पालघर से निकल लिए। उस दिन वे लगभग 160 किलोमीटर की यात्रा कर नासिक पहुंचे। रात में नासिक में रुकने के बाद वह 21 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे आगे के लिए निकले। लगभग 600 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद वह रात नौ बजे भोपाल पहुंचे। उस दिन वह रात में भोपाल में ही रुक गए।
इसके बाद 22 मार्च को सुबह नौ बजे वे भोपाल से निकले। वहां से वह विदिशा, ललितपुर, झांसी होते हुए लगभग 400 किमी की यात्रा कर उरई जालौन रात नौ बजे पहुंचे। रात में उरई रुकने के बाद वह 23 मार्च की सुबह छह बजे उरई से निकले। उरई से फतेहपुर, इलाहाबाद, गोपीगंज से मिर्जापुर होते हुए उसी दिन शाम को पांच बजे लगभग 550 किलोमीटर की यात्रा कर सोनभद्र के रामगढ़ स्थित चपईल गांव में स्थित अपने घर पहुंच गए। अतिंद्र ने बताया कि महाराष्ट्र से सोनभद्र स्थित घर तक आने में उन्होंने लगभग 1710 किलोमीटर की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने अपनी स्कूटी में लगभग ढाई हजार रुपए का पेट्रोल भरवाया। घर आने के बाद परिवार के लोगों की मदद से उन्होंने पास के अस्पताल में अपनी जांच भी कराई। अतिंद्र का कहना है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं, उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।