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कोरोना से हांफ रही किडनी, डायलिसिस के लिए लंबी वेटिंग

कोरोना संक्रमण के कारण किडनी के मरीजों की हालत खराब है। अस्पताल में डायलिसिस के लिए लंबी कतार लगी हुई है। जिला अस्पताल में तो सवा सौ मरीज वेटिंग पर हैं। जबकि अस्पताल में रोजाना तीन शिफ्टों में 90...

कोरोना से हांफ रही किडनी, डायलिसिस के लिए लंबी वेटिंग
वरिष्‍ठ संवाददाता ,गोरखपुर Mon, 21 Dec 2020 09:37 AM
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कोरोना संक्रमण के कारण किडनी के मरीजों की हालत खराब है। अस्पताल में डायलिसिस के लिए लंबी कतार लगी हुई है। जिला अस्पताल में तो सवा सौ मरीज वेटिंग पर हैं। जबकि अस्पताल में रोजाना तीन शिफ्टों में 90 मरीजों के डायलिसिस हो रही है।

कोरोना संक्रमण ने किडनी मरीजों की मुसीबत को बढ़ा दी है। पहले से किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। सिम्प्टोमेटिक के साथ एसिम्टोमेटिक मरीज में सीरम क्रिएटनीन तेजी से बढ़ा रहा है। बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती 122 मरीजों में तो यह खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। इसके कारण बीआरडी में संक्रमितों की डायलिसिस की जा रही है।

एसिम्टोमेटिक मरीजों में बढ़ रहा सीरम क्रिएटनीन

जिले में इन दिनों मरीजों में सीरम क्रिएटनीन बढ़ने के मामले बढ़े हैं। यह किडनी फंक्शन खराब होने के संकेत हैं। एसिंप्टोमेटिक संक्रमण के कारण किडनी के मरीजों में सिरम क्रिएटनीन बढ़ रहा है। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आनंद बंका ने बताया कि किडनी के मरीजों की ओपीडी में संख्या बढ़ी है। बड़ी संख्या में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, जिनमें पहले किडनी की बीमारी नहीं थी। इसके बावजूद उनके सीरम क्रिएटनीन मानक से अधिक मिला है।

बीआरडी और जिला अस्पताल में है वेटिंग

बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में डायलिसिस के इंतजाम हैं। बीआरडी में कोरोना संक्रमितों के लिए 10 बेड की डायलिसिस यूनिट और सामान्य किडनी मरीजों के लिए आठ बेड की यूनिट है। जिला अस्पताल में 12 बेड की डायलिसिस यूनिट है। जिला अस्पताल में इस समय 127 मरीज वेटिंग पर हैं। यहां तीन शिफ्ट में डायलिसिस होती है। बीआरडी में दो शिफ्ट में डायलिसिस होती है। यहां पर करीब 60 मरीज वेटिंग पर हैं।

खून में होती है क्लॉटिंग, किडनी पर बढ़ता है दबाव

नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण खून में थक्के बन जाते हैं। यह थक्के किडनी फंक्शन पर असर डालते हैं। इससे किडनी पर दबाव कई गुना बढ़ जाता है। पहले जिन मरीजों का सीरम क्रिटनीन 3 से 4 मिलीग्राम था। उनमें अब 6 से 8 मिलीग्राम क्रिएटनीन मिल रहा है। पहले से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए तो संक्रमण जानलेवा है। ऐसे लोगों की किडनी फेल हो जा रही है।

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