बांके बिहारी मंदिर में पूजा आरती का समय बदलने को लेकर इलाहाबाद HC से मथुरा प्रशासन को अवमानना नोटिस
बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व पूजा आरती का समय बदलने के विरुद्ध दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट मथुरा डीएम, SSP और जिला और सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व पूजा आरती का समय बदलने के विरुद्ध दाखिल अवमानना याचिका पर जिलाधिकारी, एसएसपी मथुरा और जिला जज एवं सिविल जज मथुरा को अवमानना नोटिस जारी किया है। इन सभी को दो फरवरी तक याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। अवमानना याचिका मंदिर के सेवायत गौरव गोस्वामी की ओर से दाखिल की गई है। उनके वकील संजय गोस्वामी ने बताया कि जिला प्रशासन के अनुरोध पर सिविल जज मथुरा ने श्री बांके बिहारी मंदिर में पूजा आरती और दर्शन के समय को बढ़ाने का आदेश किया था। जबकि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है और इस पर प्रदेश सरकार की ओर से अंडरटेकिंग दी गई है कि मंदिर के प्रबंधन व प्रशासन में जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद मंदिर में दर्शन व पूजा आरती के समय में परिवर्तन करने का आदेश देकर न्यायालय की अवमानना की गई है। कोर्ट ने इसे प्रथमदृष्टया अवमानना का मामला मानते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
पक्षकार बनाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सेवायत
इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्री बांके बिहारी मंदिर को लेकर दाखिल जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने की मांग को लेकर मंदिर के सेवायत की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है। सोमवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मंदिर पक्ष की ओर से यह जानकारी दी गई कि उनकी इस जनहित याचिका में पक्षकार बनाए जाने की अर्जी अभी तक लंबित है, जिस पर हाईकोर्ट द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए सेवायतों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 24 जनवरी तक के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई होने के बाद ही हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि श्री बांके बिहारी मंदिर में भारी भीड़ को नियंत्रित करने और मंदिर के आसपास कोरिडोर बनाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से योजना भी मांगी है और सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनसे रिपोर्ट भी ली जा चुकी है।
मंदिर पक्ष के अधिवक्ता संजय गोस्वामी का कहना है कि इस जनहित याचिका में मंदिर पक्ष को सुने बिना कोई भी निर्णय करना उचित नहीं होगा। मंदिर के सेवायतों की ओर से याचिका में पक्षकार बनाए जाने की अर्जी दाखिल की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं दिया है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट में 24 जनवरी को सुनवाई होगी।